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Omicron: रिसर्च में खुलासा, फेफड़े रहते हैं सुरक्षित, मौत की आशंका भी काफी कम

Omicron: कोरोना के ओमिक्रोन वायरस की दहशत के साये में जूझ रहे देश-दुनिया के लिए एक सुकून भरी खबर सामने आई है। एक रिसर्च के बाद विशेषज्ञों ने दावा किया है कि कोरोना (Corona) के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron) से कम घातक है साथ ही इसके हमले से फेफड़े भी सुरक्षित रहते हैं।

पहले वाले वैरिएंट्स के मुकाबले कम घातक

इंसानों और जानवरों के टिश्यू पर किए गए नए रिसर्च से इस बात का खुलासा हुआ है कि कोरोना का ओमिक्रॉन वैरिएंट्स पहले वाले वैरिएंट्स के मुकाबले कम घातक है। ओमिक्रॉन की स्टडी पहले चूहे की ही प्रजाति हैम्स्टर पर की गई। इसमें निष्कर्ष निकला कि ओमिक्रॉन का संक्रमण ज्यादातर शरीर के ऊपरी हिस्सों तक ही सीमित रहा. जैसे- नाक गला या श्वांस नली. संक्रमण फेंफड़ों तक या तो पहुंचा नहीं या इतना कम रहा कि खतरे जैसी कोई बात नहीं दिखी। जबकि इससे पहले कोरोना के सभी वैरिएंट्स ने फेंफड़ों को काफी क्षतिग्रस्त किया है। जिसकी वजह से देश-दुनिया में लाशों के अंबार लग गए थे।

दक्षिण अफ्रीका में मिला था सबसे पहले

कोरोना का ओमिक्रॉन वैरिएंट सबसे पहले नवंबर में दक्षिण अफ्रीका में मिला था। उस समय तक वैज्ञानिकों को इसके संबंध में सिर्फ इतनी जानकारी थी कि ओमिक्रॉन असल में कोरोना वायरस में अब तक करीब 50 बार हुए परिवर्तनों का मिला-जुला रूप है। वायरस में हुए इन परिवर्तनों में कुछ तो ऐसे थे, जो इंसानी कोशिकाओं को बुरी तरह जकड़ लेते थे। जबकि कुछ ऐसे थे, जो मानव शरीर में एंटीबॉडी भी पैदा करते थे, ताकि शरीर बीमारी का मुकाबला करने में सक्षम हो सके। चूंकि ओमिक्रॉन इन सभी म्यूटेशंस का मिला-जुला वैरिएंट है, इसीलिए उसके स्वभाव को लेकर अभी तक रहस्य बना हुआ था।

मृत्यु की आशंका भी है बेहद कम

जापानी और अमेरिकी वैज्ञानिकों के एक बड़े समूह ने इस संबंध में अपनी अध्ययन रिपोर्ट के नतीजे सार्वजनिक किए हैं। इसमें खुलासा हुआ है कि जिन चूहों और हैम्स्टर्स को ओमिक्रॉन से संक्रमित किया गया था, उनके फेंफड़ों में संक्रमण ज्यादा नहीं फैला। उनका वजन भी ज्यादा कम नहीं हुआ। उनकी मृत्यु की आशंका भी बेहद कम रही। यह नतीजे काफी सुखद और चिंताओं को मिटाने वाले हैं।

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