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पुरी पीठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती बोले- सबके पूर्वज सनातनी, अल्लाह संस्कृत शब्द

पुरी पीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने बुधवार को कहा कि अल्लाह शब्द संस्कृत का है। अब सवाल उठता है कि शंकराचार्य की बात का क्या आधार है? इसी बात को लेकर मृदुभाषी ने पड़ताल की। खास बात यह है कि यह भाषा और व्याकरण की भी बात है, न कि सिर्फ धर्म की।


जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती


वाराणसी। पुरी पीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती वाराणसी प्रवास पर हैं। बुधवार को अस्सी स्थित दक्षिणामूर्ति मठ में मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि अल्लाह शब्द संस्कृत का है। उन्होंने जमीयत उलेमा-ए-हिंद प्रमुख मौलाना सैयद अरशद मदनी के बयान पर पलटवार किया।
अल्लाह और ओम को एक बताने वाले बयान पर शंकराचार्य ने कहा किअल्लाह शब्द मातृ वाचक और शक्तिवाचक शब्द है। मां दुर्गा का आह्वान करने के लिए अल्लाह शब्द का प्रयोग किया जाता है। वहीं ओम परमात्मा का नाम है। शंकराचार्य ने कहा कि धर्म पर सवाल उठाने वाले लोग संस्कृत व्याकरण का अध्यन करें। हम सबके पूर्वज सनातनी वैदिक आर्य ही थे। रामचरितमानस से एक चौपाई हटाने की मांग पर शंकराचार्य ने कहा कि उन लोगों में हिम्मत है तो बाइबल और कुरान पर कटाक्ष करके दिखाएं। फिर क्या होता है, वे देखेंगे। रामचरितमानस पर टिप्पणी करने वाले लोग चाणक्य नीति का अध्ययन करें।

आखिर क्या आधार है?
संस्कृत डिक्शनरी शब्दकल्पद्रुम में एक श्लोक है-असुरसंहारिणीं हुँ अल्लो रसुरमहमदरकं वरस्य अल्लो अल्लां इल्लल्लेति इल्लल्ल:।

यहां अल्ला स्त्रीवाची शब्द है। संभवत: दैवीय शक्ति के लिए प्रयुक्त किया गया है। लेकिन यह अल्ला शब्द हिब्रू में भी है। अलोहम, इलाह और अल्लाह। इलाह और अल्लाह शब्द अरबी में पहुंचते है लेकिन अलोहम यहूदियों के पास रह जाता है। आश्चर्य की बात यह है कि हिब्रू में अल्लाह या इलाह पुरुषवाची शब्द है। यही अरब में भी है।

संस्कृत से हिब्रू और अरब की यात्रा
यहां एक और आश्चर्य की बात यह है कि इस्लाम से पहले अल लात एक देवी के रूप में पूजी जाती है। मतलब यह कि अल जैसे संस्कृत में स्त्रीवाची है वैसे ही अरबी में भी इस्लाम से पहले स्त्रीवाची शब्द था। संस्कृत और हिन्दी साहित्य के विद्वान डॉ प्रमोद दूबे का कहना है कि यह अल और अला जिस अलाकम सूत्र से पैदा होता है उसे पाणिनी ने दिया है। पाणिनी आज से 2400 साल पहले हुए। पाणिनी के बाद अगले एक हजार साल में यह शब्द हिब्रू देश होते हुए अरब पहुंचा।

यह कहता है विकिपीडिया
विकिपीडिया के मुताबिक अल्लाह शब्द अरबी के इलावा अरहमिक, इब्रानी और अन्य सेमेटिक भाषाओं में भी देखा जा सकता है। कुरान के अवतरण के पहले से ही यह शब्द प्रयोग में रहा है। हजरत मुहम्मद साहब के पिता का नाम अब्दुल्लाह रदीयल्लाहु अन्ह् था यानी अल्लाह का बन्दा। विकिपीडिया के मुताबिक इस का मतलब यह है कि अल्लाह शब्द मुहम्मद या कुरान के आने बाद का नहीं है बल्कि पहले का ही है।

अल + इलाह
अल्लाह शब्द अल + इलाह शब्दों से बना है। इलाह शब्द का अर्थ सेमेटिक भाषाओं में ओर इब्रानी भाषा और पवित्र ग्रन्थों में भी देखा जा सकता है। अल्लाह का मतलब होता है कि इसके सिवा कोई इबादत के लायक नहीं ।

यह भी बोले शंकराचार्य

भारत के हिंदू राष्ट्र बनने के इंतजार में 15 देश
स्वामी निश्चलानंद ने कहा कि मारीशस सहित 15 देश भारत के हिंदू राष्ट्र होने का इंतजार कर रहे हैं। यह औपचारिकता जैसे ही पूरी होगी, वैसे ही एशिया के अलग-अलग देश खुद को हिंदू राष्ट्र घोषित कर देंगे।

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री अच्छा काम कर रहे
एक सवाल के जवाब में शंकराचार्य ने कहा कि पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री हिंदुओं को भटकने से बचा रहे हैं। भगवान का नाम लेते हैं। वो अच्छा काम कर रहे हैं। धीरेंद्र कृष्ण अपनी ओर से कभी नहीं कहते कि उन्होंने चमत्कार किया। वे हमेशा कहते हैं कि हनुमानजी की कृपा है।

मर्यादा का अतिक्रमण
धर्म परिवर्तन से लेकर हिंदू लड़कियों का मुस्लिम लड़कों से शादी करने के सवाल के जवाब में शंकराचार्य ने कहा कि इसकी वजह आधुनिक शिक्षा पद्धति है। दिल के टुकड़े हजार हुए, कोई इधर गिरा कोई उधर गिरा। अभी इसी तरह की शादी करने पर एक लड़की को 32 टुकड़े में काट डाला गया, यही लव जिहाद है। मर्यादा का अतिक्रमण करने पर और गोत्र आदि का ध्यान न देने पर ऐसी ही दशा होगी।

2024 में नरेंद्र मोदी ही प्रधानमंत्री रहेंगे
एक सवाल के जवाब में शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि 2024 में नरेंद्र मोदी ही प्रधानमंत्री रहेंगे। क्योंकि वे देश को लूटने वाले और अपने घर को भरने वाले नहीं हैं।
पुरी शंकराचार्य ने पीएम मोदी पर अमर्यादित टिप्पणी करने पर कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा की निंदा की। शंकराचार्य ने कहा कि पवन खेड़ा हीन व्यक्ति हैं। हीन व्यक्ति ही हीनता का परिचय देता है। स्वामी निश्चलानंद सरस्वती मंगलवार को पांच दिवसीय प्रवास पर वाराणसी पहुंचे हैं। यहां वे पांच दिनों तक चलने वाली संगोष्ठी, दीक्षांत और धर्मसभा में शामिल होंगे।


फिर शिवरात्रि महोत्सव में अल्लाह हू… कव्वाली पर विवाद क्यों?
एक तरफ जहां शंकराचार्य ने अल्लाह को संस्कृत शब्द कहा है, वहीं हिमाचल प्रदेश के मंडी में शिवरात्रि महोत्सव के तहत मुस्लिम गायकों द्वारा अल्लाह हू… अल्लाह हू…कव्वाली गाए जाने की हिन्दू जागरण मंच हिमाचल प्रदेश के महामंत्री कमल गौतम ने निंदा की है। उन्होंने हिन्दू भावनाओं को आहत करने और देव परंपरा को अपमानित करने पर राज्य सरकार को माफी मांगने को कहा है। कमल गौतम ने कहा कि जिस देवभूमि हिमाचल में हिंदू बहुसंख्यक हैं, जहां का शिवरात्रि महोत्सव अंतरराष्ट्रीय स्तर का दर्जा प्राप्त है। जिस बाबा भूतनाथ की नगरी को विश्वभर में छोटी काशी के रूप में जाना जाता है। वहां के कलाकारों द्वारा इस कव्वाली का प्रस्तुति देकर संपूर्ण हिन्दू समाज की आस्था और संस्कृति से खिलवाड़ किया गया है।

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