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Punjab Politics: सियासी उठापटक के बीच कैप्टन इस तरह बना रहे हैं भविष्य की रणनीति

नई दिल्ली। पंजाब में चल रही सियासी उठापटक के बीच राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह बुधवार को गृह मंत्री अमित शाह से मिलने के लिए उनके घर पहुंचे। दोनों के बीच करीब 45 मिनट तक बातचीत हुई। कैप्टन के भाजपा में जाने की खबर इस कारण और भी पुष्ट होती है कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के करीबी आदित्य त्रिवेदी ने एक ट्वीट किया था जिसके बाद उस ट्वीट को डिलीट भी कर दिया गया।

कैप्टन और अमित शाह की मुलाकात

कैप्टन और अमित शाह की मुलाकात चल ही रही थी कि बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के करीबी सहयोगी आदित्य त्रिवेदी ने एक ट्वीट किया। इस ट्वीट में लिखा था कि अनुभव की कीमत क्या होती है ये कांग्रेस को कल पता चलेगा। उनका ये ट्वीट बड़ा संकेत है। इस ट्वीट के कुछ देर होते ही इसे डिलीट कर दिया गया। इस मुलाकात को लेकर कयास लगाया जा रहा है कि कैप्टन जल्द ही कांग्रेस से इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थाम लेंगे। इसके साथ ही उनको राज्यसभा सांसद बनाकर कोई बड़ा मंत्रालय केंद्र में दिया जाएगा। कहा यह भी जा रहा है कि कैप्टन को कृषि मंत्री बनाया जा सकता है। किसानों को मनाने के लिए बीजेपी फिर कैप्टन के पाले में गेंद फेंक देगी।

भाजपा सूत्रों का कहना है कि पार्टी कैप्टन को सही तरीके से इस्तेमाल करने की रणनीति पर विचार कर रही है। उन्हें पार्टी में शामिल कराकर पर एक चेहरे के रूप में पेश करना उचित रहेगा, या कैप्टन के नेतृत्व में एक नए राजनीतिक दल का गठन हो और भाजपा उसका बाहर से सपोर्ट करे, इस संभावना पर भी गंभीरता से विचार किया जा रहा है।

मंगलवार को ही मिलने वाले थे

कैप्टन मंगलवार को ही अमित शाह से मुलाकात करने वाले थे मगर नवजोत सिंह सिद्धू के इस्तीफे के बाद मची उथल पुथल के बीच वो नहीं गए। इसके बाद उन्होंने कहा था कि वो किसी से मिलने नहीं जा रहे हैं।

यह शर्त है चर्चा में

कैप्टन की एक शर्त की चर्चा हो रही है जिस पर भाजपा नेतृत्व को विचार करना है। सूत्रों का कहना है कि अमरिंदर सिंह भाजपा नेतृत्व से किसान आंदोलन का कोई स्थायी हल निकालने पर विचार करने को कह रहे हैं। स्थायी हल के तौर पर आगामी पंजाब विधानसभा चुनाव के मद्देनजर या तो कृषि कानून को वापस लिया जाए या फिर एमएसपी को कानूनी दर्जा देकर बीच का एक ऐसा रास्ता निकालने की बात की जा रही है। जो केंद्र और किसान संगठनों के बीच कटुता को कम कर दे और किसान आंदोलन खत्म करने पर सहमत हो जाएं। ऐसे में यदि किसान आंदोलन खत्म हो जाता है तो इसका श्रेय अमरिंदर सिंह को दिया जाए।

भाजपा को यह फायदा

-सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि भाजपा को पंजाब में एक बड़ा चेहरा मिलेगा।

  • कांग्रेस को कमजोर करने के लिए अमरिंदर सिंह अपनी पूरी ताकत लगा देंगे।
    -पंजाब में भाजपा को एक बूस्ट मिलेगा। 2017 के विधानसभा चुनाव में जहां अकाली दल ने 15 सीटें जीती थीं वहीं भाजपा को केवल तीन सीटें मिली थीं।
    -कैप्टन भाजपा की राष्ट्रवादी छवि की मापदंड पर फिट बैठते हैं और उन्हें अपने साथ लेने से पार्टी की ताकत बढ़ सकती है।
  • कैप्टन अपने रसूख का फायदा उठाकर करीब 10 महीने से चल रहे किसान आंदोलन को खत्म कराने का एक जरिया बन सकते हैं।

कैप्टन का क्या फायदा

-कैप्टन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में शामिल किए जा सकते हैं। वे कृषि मंत्री बनाए जा सकते हैं।

  • साथ ही कैप्टन पंजाब में भाजपा का मुख्यमंत्री चेहरा बनाए जा सकते हैं। पार्टी उनके नेतृत्व में ही चुनाव लड़ने की घोषणा कर सकती है।
  • कैप्टन मानते हैं कि कांग्रेस नेतृत्व ने उनका अपमान किया और उन्हें इस तरह के अपमानजनक विदाई की उम्मीद नहीं थी। ऐसे में अमरिंदर जरूर कांग्रेस से अपना राजनीतिक बदला लेने की कोशिश करेंगे और इस काम में भाजपा जैसी देश की सबसे बडी पार्टी उनके लिए एक बेहतर प्लेटफॉर्म साबित हो सकती है।
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