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प्रियंका गांधी ने हिजाब विवाद पर कहा- बिकिनी, घूंघट, जींस या हिजाब, लड़कियां जो चाहें वो पहन सकती हैं

नई दिल्ली। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि यह तय करना एक महिला का अधिकार है कि वह क्या पहनना चाहती हैं। कांग्रेस महासचिव ने कहा कि एक महिला बिकनी, घूंघट, जींस की एक जोड़ी या हिजाब पहनना चुन सकती है, यह भारतीय संविधान द्वारा अधिकार की गारंटी दी गई है।

कर्नाटक में जारी हिजाब विवाद के बीच यह टिप्पणी आई है, जिसके कारण सभी शिक्षण संस्थान तीन दिनों के लिए बंद कर दिए गए हैं। प्रियंका ने इस मुद्दे को उत्तर प्रदेश में महिला सशक्तिकरण के कांग्रेस के चुनावी नारे ‘लड़की हूं लड़ सकती हूं’ से जोड़ा है।

प्रियंका गांधी ने कहा, ”चाहे वह बिकनी हो, घूंघट हो, जींस की जोड़ी हो या हिजाब, यह तय करना एक महिला का अधिकार है कि वह क्या पहनना चाहती है। यह अधिकार भारतीय संविधान द्वारा गारंटीकृत है। महिलाओं को प्रताड़ित करना बंद करें।”

प्रियंका गांधी ने ट्विटर पर लिखा, ‘’चाहे वह बिकनी हो, घूंघट हो, जींस हो या हिजाब. यह तय करना एक महिला का अधिकार है कि वह क्या पहनना चाहती है. यह अधिकार महिलाओं को भारतीय संविधान ने दिया है. महिलाओं को प्रताड़ित करना बंद करो. #ladkihoonladsaktihoon (लड़की हूं, लड़ सकती हूं).’’

पाकिस्तान की सामाजिक कार्यकर्ता और नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई (Malala Yousafzai) ने भी हिजाब विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. मलाला ने ट्वीट कर लिखा, ‘’हिजाब पहने हुई लड़कियों को स्कूलों में एंट्री देने से रोकना भयावह है. कम या ज्यादा कपड़े पहनने के लिए महिलाओं का वस्तुकरण किया जाता है। भारतीय नेताओं को मुस्लिम महिलाओं को हाशिए पर जाने से रोकना चाहिए.’

कैसे शुरू हुआ हिजाब विवाद?

कर्नाटक के उडुपी के एक सरकारी प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज की कक्षा में हिजाब पहनकर आई छात्राओं को कॉलेज परिसर से बाहर चले जाने को कहा गया. इसके बाद इस मुद्दे ने तूल पकड़ लिया. हालात ये हैं कि यह मुद्दा अब राज्य के विभिन्न हिस्सों में भी फैल गया है. दक्षिणपंथी संगठनों की ओर से समर्थित युवा हिन्दू भगवा गमछा डालकर इस मामले में कूद पड़े. कई जगह हिंसा की घटना भी सामने आई हैं। बागलकोट जिले में उग्र युवाओं ने एक शिक्षक पर लोहे की रॉड से हमला कर दिया है, जिससे उनके सिर में गंभीर चोट आई है. शिवमोग्गा जिले में भीड़ की ओर से एक छात्र की पिटाई की गई और इसके बावजूद बीजेपी विधायक हरातालु हलप्पा मूकदर्शक बने रहे.

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