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भोपाल के डॉक्टर एनपी मिश्रा को मरणोपरांत मिला पद्म श्री पुरस्कार

भोपाल। गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर मध्य प्रदेश की पांच हस्तियों को पद्मश्री पुरस्कार दिए जाने की घोषणा की गई हैं। इनमें भोपाल के डॉ. एनपी मिश्रा भी शामिल हैं, जिन्हें मरणोपरांत यह पुरस्कार दिया जा रहा है।  राजधानी समेत पूरे प्रदेश की चिकित्सा क्षेत्र के पितामह कहे जाने वाले राजधानी भोपाल के डाॅ. एनपी मिश्रा को मरणोपरांत पद्मश्री अलंकरण दिया गया है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने गणतंत्र दिवस के मौके पर डॉ एनपी मिश्रा के पॉलिटेक्निक स्थित आवास पर पहुंचकर उनके परिजनों से मुलाकात कर बधाई दी।

चिकित्सा शिक्षा, मरीजों का इलाज, शोध, चिकित्सा जगत से जुड़ी किताबें लिखने के लिए उन्हें यह अलंकरण मिला है। भोपाल में गैस त्रासदी के दौरान उन्होंने मरीजों के इलाज में अहम भूमिका निभाई थी। भोपाल के डाक्टरों को यह पता नहीं था कि जहरीली गैस से प्रभावित लोगों का क्या इलाज किया जाना चाहिए। तब उन्होंने यूएसए और दूसरे देशों के चिकित्सकों से बात कर इलाज पूछा था। 91 साल की उम्र में पांच सितंबर 2021 को उनका निधन हो गया था।

वह मरीजों से मिले स्नेह को सबसे बड़ा सम्मान बताते थे। मध्य प्रदेश के विदिशा जिला में 1935 में जन्मे डाॅ. मिश्रा गांधी मेडिकल कालेज भोपाल के डीन भी रहे हैं। डाॅ.मिश्रा के बेटे डाॅ. मनोज मिश्रा  और सुनील मिश्रा ने कहा कि जीवित अवस्था में उन्हें यह अलंकरण मिलता तो स्वजन को ज्यादा खुशी होती। वह बताते हैं कि एक बार उन्होंने पिता जी से कहा कि आपको भी पद्म अलंकरण मिलना चाहिए। इस पर उन्होंने कहा था कि मरीजों का जो स्नेह मिलता है वह उनके लिए सबसे बड़ा पुरस्कार है।

बता दें कि भारत सरकार ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर मंगलवार को पद्म पुरस्कारों की घोषणा की। इनमें भोपाल के डॉ. एनपी मिश्रा समेत मध्य प्रदेश की पांच हस्तियों को पद्म पुरस्कार दिए जाएंगे। डॉ. मिश्रा के साथ भोपाल की ही दुर्गाबाई व्याम, डिंडोरी के अर्जुन सिंह धुर्वे, सागर के रामसहाय पांडे, छतरपुर के अवध किशोर जाड़िया को पद्मश्री से नवाजा जाएगा।

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