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पेट्रोल-डीजल पर सियासत तेज, कई राज्यों ने नहीं घटाया वैट

देश में पेट्रोल और डीजल के दामों पर सियासत तेज है। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने गैर एनडीए शासित प्रदेशों से वैट घटाने को कहा है. लेकिन विपक्ष की मांग है कि पहले केंद्र सरकार कोरोना के समय पेट्रोल-डीजल पर बढ़ाए गए एक्ससाइज दर घटाए, इसके बाद ही वैट घटाने पर फैसला होगा. वहीं आज पंजाब मंत्रिमंडल की बैठक भी है. पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में पेट्रोल डीजल पर वैट कम करने पर फैसला हो सकता है।

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, ‘’मेरा सुझाव है कि पेट्रोल/डीजल/गैस से Additional Excise Duty, Special Excise Duty and CESS के रूप में जो राजस्व केन्द्र सरकार इकट्ठा कर रही है, उस पर राज्य सरकारें VAT लगाती है, इसलिए केन्द्र सरकार को महंगाई को देखते हुए और इसमें और अधिक कमी करनी चाहिये। जिससे राज्यों का VAT Collection स्वतः उसी अनुपात में कम हो जायेगा। जैसा 5 रूपये पेट्रोल एवं 10 रूपये डीजल का दाम कम करने की घोषणा के साथ ही राजस्थान राज्य को 1800 करोड़ रूपये का राजस्व कम हो जायेगा.’’

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पवन खेड़ा ने कहा कि सरकार कोरोना के समय पेट्रोल-डीजल पर बढ़ाए गए एक्ससाइज दर घटाए और गरीबों के लिए चल रही मुफ्त अनाज की योजना नवम्बर में बन्द ना करें, उसे 31 मार्च 2022 तक जारी रखें. उधर केसी वेणुगोपाल ने एलपीजी और केरोसिन के दामों को भी कम करने की मांग की.

दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि मैं केंद्र सरकार से निवेदन करना चाहता हूं कि आप ने जो तेल की एक्साइज ड्यूटी पर 5 रुपए कम किए हैं, उससे काम नहीं चलने वाला है, कम से कम 15 रुपए और कम किए जाए. जितनी एक्साइज ड्यूटी आप लोगों ने बढ़ाई थी उसे नीचे लेकर आए.

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