इंदौर शहर में कोरोना मरीज अस्पतालों में जिंदगी और मौत की जंग से जूझ रहे है वही इस मुश्किल समय में लोगों की प्रदेश के राजनेताओं से आश लगी हुई है,की वो जनता की मदद के लिए आगे आएगे और जिस जनता ने उन्हें वोट देकर विजयी बनाया है। इस बुरे समय में वो उनकी मदद करेंगे लेकिन वही राजनीतिक पार्टियां इस महामारी में भी अपनी रोटियां सेकते हुए नजर आ रही है ।
शहर कोरोना महामारी में बड़े विकराल काल से गुजर रहा है। मरीज हॉस्पिटल में परिजन आर्थिक तंगी सहित श्मशान में टोकन के आधर पर शवो का दाह संस्कार की लाईन लगी हुई है लेकिन शहर की राजनीति पार्टियां इस आपदा पर ध्यान देने के बजाये एक दूसरे को आरोप लगाने में लगी है बता दे कि संजय शुक्ला द्वारा तुलसी सिलावट के बेटे पर रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने के आरोपो को लेकर दिए बयान पर अब तुलसी सिलावट का बयान भी आ गया है
जिस पर उनका कहना है कि अभी महापौर के चुनाव काफी दूर है और अभी से संजय शुक्ला की मानसिक स्थिति खराब हो गई है। उन्हें अब किसी चिकित्सक से इलाज की आवश्यकता है । इसी के साथ सिलावट ने आगे कहा कि शुक्ला द्वारा दिए गए बयान को लेकर वह कोर्ट के माध्यम से मानहानि का नोटिस पहुंचाने की तैयारी कर रहे है, कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि कांग्रेस के नेता केवल महामारी के दौर में राजनीति कर रहे है बीजेपी के द्वारा किये जा रहे जनहित कार्यो को ऊपर बैठा भगवान और शहर की जनता जानती है मुझे किसी के भी प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं है ।
संजय शुक्ला का बयान मानहानि के नोटिस से वह डरते नहीं
कांग्रेसी विधायक संजय शुक्ला अपनी बात पर अटल नजर आ रहे हैं उनका भी कहना है कि प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट महीनों से कोरोना महामारी पर केवल बैठक कर रहे है । शहर के कई ऐसे हॉस्पिटल है जो कोरोना मरीजो के ईलाज के लिए तैयार है उन्हें संचालित नहीं कर पा रहे हैं और शहर में मरीजो के मरने के आंकड़े बढ़ते जा रहे है संजय शुक्ला ने कहा कि मानहानि के नोटिस से वह डरते नहीं हैं ।
गौरतलब है की हाल ही में शुक्ला ने कोरोना संक्रमितों की मदद के लिए अपने नंबर भी दिए थे और लोगों को जरुरी दवाइयां भी मुहैया कराई थी । उन्होंने अपने बयान में यह भी कहा की वह सदैव जनता कि सेवा के लिए खड़े रहेंगे और उनकी आवाज बुलंद करने का काम करेंगे ।