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पुलिस सबूतों से नहीं कर पाएगी छेड़छाड़, जानें आमजन को क्या होंगे फायदे

भोपाल। मध्य प्रदेश पुलिस अब अपराधों की जांच के दौरान किसी भी तरीके से सबूतों के साथ छेड़छाड़ नहीं कर पाएगी. यह संभव हो पाया है इन्वेस्टिगेशन ऐप के जरिए। इस ऐप से अब सभी सबूत और जांच से जुड़े तथ्य लॉक हो जाएंगे. इससे जनता को तत्काल और ट्रांसपेरेंसी वाला न्याय भी मिलेगा।

इस ऐप से कोर्ट में पुलिस की ई चार्जशीट भी दायर करेगी. प्रदेश के पुलिस महानिदेशक विवेक जौहरी ने पुलिस मुख्यालय में मध्‍यप्रदेश पुलिस की ई-विवेचना ऐप का ट्रायल रन का शुभारंभ किया. इस ऐप को एससीआरबी और मेप आईटी ने मिलकर बनाया है. इस ऐप से सभी तरह के अपराधों की जांच पुलिस पारदर्शिता के साथ तत्काल और आसान तरीके से कर सकेंगे. भोपाल और इंदौर जिले के कुल 92 अधिकारियों को ई-विवेचना ऐप का प्रशिक्षण पुलिस मुख्यालय भोपाल में दिया गया

एससीआरबी के अतिरिक्‍त पुलिस महानिदेशक चंचल शेखर बताया कि इस ऐप के माध्‍यम से भविष्‍य में न्‍यायालय के पोर्टल पर जानकारी भेजी जा सकेगी. ई-विवेचना ऐप का ट्रायल रन करने के लिए मध्यप्रदेश के समस्त जिलों के चिन्हित 572 थानों में 1800 टेबलेट वितरित किए जा रहे हैं. इस टेब में ई-विवेचना एप, MPeCop और CCTNS इत्यादि को अपलोड कर विवेचक दिया गया है।  ई-विवेचना ऐप के विकसित होने से अपराध अनुसंधान के महत्वपूर्ण इवेंट और साक्ष्यों की टाइम स्टेपिंग और Geo स्टेपिंग खुद हो सकेगी. ये भविष्य में बदले नहीं जा सकेंगे. इससे आरोपियों को संदेह का लाभ नहीं मिलेगा जिससे पुलिस की आम जनता में विश्वसनीयता बढ़ेगी और विवेचना में पारदर्शिता रहेगी।

इस तरह होगा काम

घटनास्थल पर ही मौके की कार्यवाही के फोटो एवं वीडियो ऐप के माध्यम से तत्काल अपलोड किए जा सकेंगे. ई-विवेचना ऐप से पुलिस को भी लाभ होगा. टेब के उपयोग से विवेचक द्वारा मौके पर ही कार्रवाई सम्पन्न की जाएगी. घटनास्थल की फोटो एवं वीडियो ग्राफी और अन्य साक्ष्य संरक्षित तरीके से केस डायरी में शामिल की जा सकेगी.

-विवेचक की सुविधा के लिए ऐप में Speech to Text से भी केस डायरी लिखी जाएगी. इससे केस डायरी लिखने की गति बढ़ जाएगी. इस ऐप में विवेचक न केवल मध्यप्रदेश बल्कि अन्य प्रदेशों में जब विवेचना के दौरान जाता है तो अपने थाने में टेब के माध्यम वहां की गई विवेचना को CCTNS में डाल सकता है.

-वैज्ञानिक अनुसंधान के प्रयोगों से अपराध दोष सिद्धि का प्रतिशत बढ़ेगा. मध्यप्रदेश पुलिस द्वारा जन सेवा की दिशा में की गई इस पहल से न केवल पुलिस कार्रवाई सहज, सरल एवं पारदर्शी होगी अपितु आम जनता का विश्वास बढ़ेगा.

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