धार। शहर का सबसे बड़ा जमीन घोटाला अखबारों और खबरों की दुनियों से भले ही कुछ वक्त से गायब हो, लेकिन इसकी जांच और प्रक्रिया अब भी जारी है। केस न्यायालय में लंबित है, साथ ही इस घोटाले के कारण चर्चा में आई प्रॉपर्टी जस की तस पड़ी है। सेंट टैरेसा घोटाला सामने आने के कुछ माह पहले सेंट टैरेसा कंपाउंड में एक कॉम्प्लेक्स का निर्माण करने के लिए काम किया जा रहा था, जो सुधीर जैन द्वारा बनवाया जा रहा था।
इसकी नींव का काम पूरा हो चुका था, लेकिन जैन इस पर इमारत खड़ी कर पाता उसके पहले ही सेंट टैरेसा घोटाला उजागर हो गया और बड़े-बड़े रसूखदारों को जेल जाना पड़ा।
इस बीच गुरुवार देर रात करीब 11 बजे इस मामले ने दोबारा उस वक्त तूल पकड़ लिया जब कॉम्प्लेक्स निर्माण के लिए लाई गई मशीनरी निकालने के लिए ठेकेदार कंपाउंड में पहुंचा। मशीनों को निकालने की सूचना पर हड़कंप मच गया और तमाम पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंच गए। जब संबंधित ठेकेदार से अनुमतियों के बारे में पूछा गया तो उसके पास कोई वैध अनुमति नहीं मिली। ऐसे में पुलिस ने ठेकेदार को तलब किया है। हालांकि मशीनरी निकालने के लिए जरूरी अनुमति लेने की भी बात कही है।

बगैर अनुमति मशीनें निकालने की थी योजना
बताया जा रहा है कि रात के अंधेरे में कॉम्प्लेक्स निर्माण के लिए लाई गई मिक्सर मशीन सहित अन्य सामान निकालने की योजना थी, लेकिन इस बीच लोगों ने पुलिस और प्रशासन को सूचना दे दी। इस पर सीएसपी धार देवेंद्रसिंह धुर्वे टीम के साथ तत्काल मौके पर पहुंचे और ठेकेदार को फटकार लगाते हुए सामान दोबारा रखवाया गया।
दरअसल जिस स्थान से सामान ले जाने की कोशिश की जा रही थी। उसे न्यायालय के आदेश पर सील किया गया है। बावजूद बाले-बाले सामान निकालने की कोशिश की जा रही थी। पुलिस ने इस मामले में ठेकेदार को सामान निकालने के लिए वैध अनुमति लेने की समझाइश दी है, ताकि किसी तरह की परेशानी न हो।
डेढ़ साल से फरार है मास्टरमाइंड सुधीर जैन
सेंट टैरेसा जमीन घोटाला 223 करोड़ का होकर जिले का सबसे बड़ा जमीन घोटाला है। इसमें पुलिस ने शहर के बड़े-बड़े 27 से अधिक लोगों को आरोपी बनाया था। इसका मास्टरमाइंड भगोड़ा सुधीर जैन है, जो अब तक फरार है। पुलिस ने इस मामले में जैन पर इनाम भी घोषित कर रखा है। साथ ही जैन की संपत्ति भी कुर्क कर ली गई है। फिलहाल मामला न्यायालय में विचाराधीन है।