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क्वाड शिखर सम्मेल में टोक्यो पहुंचे पीएम मोदी भारतीयों से बोले- मुझे मक्खन पर नहीं, पत्थर पर लकीर बनाने में मजा आता है

टोक्यो। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार सुबह जापान की राजधानी टोक्यो पहुंचे। इस दौरान उन्होंने प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए कहा- साथियों, मेरा जो लालन-पालन हुआ है, जो संस्कार मुझे मिले हैं और जिन-जिन लोगों ने मुझे गढ़ा है, उसके कारण मेरी भी एक आदत बन गई है। मुझे मक्खन पर लकीर खींचने में मजा नहीं आता। मैं पत्थर पर लकीर खींचता हूं। सवाल मोदी का नहीं है। 130 करोड़ देशवासियों का संकल्प और सपने यह सामर्थ्य हम देखकर रहेंगे। यह सपनों का भारत होगा। भारत अपने खोए विश्वास को फिर हासिल कर रहा है। दुनिया में हमारे नागरिक आंख से आंख मिलाकर बात करते हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि जापान कमल के फूल की तरह अपनी जड़ों से जुड़ा है। इसकी वजह से वो खूबसूरत नजर आता है। यही हमारे संबंधों की कहानी भी है। हमारे संबंधों को 70 साल हो गए हैं। भारत और जापान नैचुरल पार्टनर हैं। हमारे संबंध आत्मीयता और अपनेपन का है। यह रिश्ता सम्मान का है। यह दुनिया के लिए सांझे संकल्प का है। जापान से रिश्ता बुद्ध और बौध का है। हमारे महाकाल हैं, जापान में गायकोतिन है। हमारी मां सरस्वती हैं तो जापान में बेंजायतिन है।

मजबूत हो रहे दोनों देशों के संबंध

21वीं सदी में भी भारत और जापान के सांस्कृतिक संबंधों को हम बढ़ा रहे हैं। मैं काशी का सांसद हूं। जब शिंजो आबे काशी आए तो उन्होंने रूद्राक्ष दिया। ये बातें हमें निकट लाती हैं। आप इस ऐतिहासिक बंधन को मजबूत बना रहे हैं। आज की दुनिया को भगवान बुद्ध के बताए रास्ते पर चलने की पहले से ज्यादा जरूरत है। हिंसा, आतंकवाद या क्लाइमेट चेंज से निपटने का यही रास्ता है। भारत सौभाग्यशाली है कि उसे भगवान बुद्ध का साक्षात आशीष मिला है। चुनौतियां चाहे जैसी भी हों, भारत उनका समाधान खोजता ही है।

जापान समस्या से सीखता है

ढट मोदी ने कहा- भारत आज किस तरह वैश्विक चुनौतियों का मुकाबला कर रहा है। क्लाइमेट चेंज बहुत बड़ा संकट बन गया है। हमने इस चुनौति को देखा भी और रास्ते भी खोजे। 2070 तक हमने नेट जीरो के लिए वादा किया है। इंटरनेशनल सोलर एलायंस के लिए हम साथ हैं। जापान ने तो इसको सबसे ज्यादा महसूस किया है। वो हर समस्या से कुछ न कुछ सीखते हैं और व्यवस्थाओं को विकसित किया है।

आत्मनिर्भरता के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहे

हम आज ग्रीन फ्यूचर और ग्रीन रोड मैप के लिए तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। ग्रीन हाइड्रोजन पर फोकस किया जा रहा है। इस दशक के आखिर तक हम 50 फीसदी नॉन फॉसिल फ्यूल का टारगेट पूरा कर लेंगे। ग्लोबल सप्लाई चेन को दो साल में नुकसान पहुंचा है। इस पर सवालिया निशान है। भविष्य में इससे बचने के लिए हम आत्मनिर्भरता के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहे हैं। यह दुनिया के लिए भी बहुत बड़ा इन्वेस्टमेंट है। पूरी दुनिया को इसका अहसास है। दुनिया को यह भी दिख रहा है कि भारत इन्फ्रार्स्ट्कचर पर काम कर रहा है। जापान इसमें अहम सहयोगी है।

भारत ने डेमोक्रेसी की पहचान बनाई

भारत में हो रहे बदलावों में एक और खास बात है। हमने एक स्ट्रॉन्ग और रिस्पॉन्सिबल डेमोक्रेसी की पहचान बनाई है। इसमें समाज के वो लोग भी जुड़ रहे हैं जो पहले इसमें गौरव महसूस नहीं करते थे। पुरुषों से ज्यादा महिलाएं वोट कर रही हैं। यह इस बात का प्रमाण है कि भारत में डेमोक्रेसी हर नागरिक को कितना ताकतवर बनाती है। लीकेज प्रूव गर्वनेंस के लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रहे हैं। जो जिस चीज का हकदार है, वो बिना किसी परेशानी और सिफारिश के अपने हक को प्राप्त कर सकता है।

रूस- यूक्रेन मुद्दे पर बात करेंगे मोदी-बाइडेन

क्वॉड बैठक से इतर पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन टोक्यो में एक बाइलैटरल मीटिंग करेंगे। इस मीटिंग में द्विपक्षीय संबंधों के अलावा रूस-यूक्रेन मसले पर भी बात होगी।

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