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कोरोना में कु्र्बानी देने वालों को याद कर भर आई पीएम मोदी की आंखें

नई दिल्ली। कोविड वैक्सीनेशन अभियान की शुरुआत करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी कोरोना काल के शुरुआती दिनों को याद करते हुए भावुक हो गए। पीएम मोदी ने उस वक्त को याद किया जब देश में कोरोना काल को लेकर अनिश्चितता का माहौल था और तमाम लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। ये पहला मौका नहीं, जब देशवासियों को संबोधित करते या किसी मौके पर पीएम मोदी भावुक हुए हों। इससे पहले भी कई बार पीएम रहते मोदी की भावुक होती तस्वीरें लोगों के बीच आई थीं।

कोरोना से हमारी लड़ाई आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता की

कोरोना काल के शुरुआती वक्त को याद करते हुए पीएम मोदी ने कहा ‘कोरोना से हमारी लड़ाई आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता की रही है।’ उन्‍होंने कहा कि ‘इस मुश्किल लड़ाई से लड़ने के लिए हम अपने आत्मविश्वास को कमजोर नहीं पड़ने देंगे, ये प्रण हर भारतीय में दिखा।’ हेल्‍थ वर्कर्स को याद कर पीएम मोदी की आंखें डबडबा गईं। उन्‍होंने कहा, ‘सैकड़ों साथी ऐसे भी हैं जो कभी घर वापस लौटे नहीं।

फेसबुक में हुई थी आंखें नम

पीएम मोदी साल 2015 में सिलिकॉन वेली में फेसबुक के हेड क्वार्टर में भी भावुक हो गए थे। एक कार्यक्रम के दौरान फेसबुक के संस्थापक मार्क ज़करबर्ग ने उनसे माँ के बारे में सवाल पूछा तो उनकी आँखे नम हो गयी थी। मोदी ने बताया के वे एक बेहद गरीब परिवार से आते हैं और उनके जीवन में उनके माता – पिता का अहम योगदान है। उनकी माँ घर चलाने के लिए लोगो के घर में बर्तन साफ़ किया करती थी और वे चाय बेचा करते थे।

भाजपा संसदीय दल की मीटिंग में हुए थे भावुक

2014 में लोकसभा में मोदी के नेतृत्व में एनडीए को भारी बहुमत मिला था। मोदी पीएम बनने से पहले भाजपा की संसदीय दल की मीटिंग में शामिल होने के लिए पहली बार संसद के सेंट्रल हॉल पहुंचे थे। वहां अपने सम्बोधन में मोदी यह कहकर भावुक हो उठे की आडवाणी जी ने एक शब्द का प्रयोग किया नरेंद्र भाई ने कृपा की। यह कहते ही मोदी खुद की भावनाओं पर काबू नहीं कर पाए और कुछ देर तक सिर झुकाए रोते रहे। थोड़ी देर बाद वे रुंधे गले से बोले क्या माँ की सेवा कभी कृपा हो सकती है। जैसे भारत मेरी माँ है वैसे भाजपा भी मेरी माँ है। इसलिए बेटा कभी माँ पर कृपा नहीं कर सकता।

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