Mradhubhashi
Search
Close this search box.

फाइजर वैक्सीन में है कोरोना के डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ 5 गुना कम एंटीबॉडी, रिसर्च में हुआ खुलासा

Coronavirus: कोरोना के मोर्चे से देश-दुनिया के मोर्चे से अब अच्छी खबरें आने लगी हैं और खासकर देश में संक्रमितों के आंकड़ें में काफी सुधार हुआ है और अस्पतालों में आसानी से मरीजों को बेड मिलने लगे हैं और वैक्सीनेशन की रफ्तार भी अब तेज हुई है, लेकिन राहत के बीच कुछ खबरें चिंता को बढ़ा देती है। अक रिसर्च में खुलासा हुआ है कि फाइजर-बायोएनटेक वैक्सीन डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ कम असरकारक है।

बढ़ती उम्र के साथ कम होता है असर

द लैंसेट जर्नल में प्रकाशित शोध ने लोगों की चिंता को बढ़ा दिया है। इस रिसर्च के मुताबिक फाइजर-बायोएनटेक वैक्सीन (Pfizer-BioNTech Vaccine) के भारत में मिले डेल्टा वेरिएंट (Delta Variant) के खिलाफ एंटीबॉडी को निष्क्रिय करने के स्तर के पांच गुना कम होने की संभावना है। रिसर्च में पता चला है कि एंटीबॉडी का वायरस को पहचानने और लड़ने में सक्षम स्तर बढ़ती उम्र के साथ कम होता जाता हैं और यह स्तर समय के साथ भी घटता है।

खुराक के अंतर को कम करने की सिफारिश

ब्रिटेन में अब टीकों के बीच खुराक के अंतर को कम करने की चर्चा होने लगी है। क्योंकि उन्होंने पाया कि फाइजर-बायोएनटेक वैक्सीन की सिर्फ एक खुराक के बाद, लोगों में बी.1.617.2 वेरिएंट के खिलाफ एंटीबॉडी स्तर विकसित होने की संभावना उतनी ही कम है, जितनी पहले प्रभावी B.1.1.7 (अल्फा) वेरिएंट के खिलाफ देखी गई है। UK में फ्रांसिस क्रिक इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं के नेतृत्व में इस रिसर्च को किया गया। गौरतलब है भारत में सामने आया डेल्टा स्वरूप या बी1.617.2 अब ब्रिटेन में चिंता की वजह बन गया है और इसके प्रकोप से अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ने की आशंका है।

यूके में लोगों से एहतियात बरतने की सलाह

ब्रिटेन की स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ जैनी हैरीस ने कहा कि अब पूरे ब्रिटेन में फैल चुके वायरस के इस स्वरूप को देखते हुए जरूरी है कि हम सभी यथासंभव अधिक से अधिक एहतियात बरतें। लोग घरों से काम करें, हर समय वे हाथ, चेहरा और आसपास की जगह को स्वच्छ रखें। यदि टीका नहीं लगवाया है तो टीका लगवाएं और टीके की दूसरी खुराक भी लें. इससे आप कोरोना से सुरक्षित रहेंगे।

ये भी पढ़ें...
क्रिकेट लाइव स्कोर
स्टॉक मार्केट