यूक्रेन संकट की वजह से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमत 2014 के बाद पहली बार 100 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच गई। ब्रेंट की कीमत 100.04 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गई जबकि डब्ल्यूटीआई 95.54 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गया।
ये इसका 8 साल का हाई है। एक्सपर्ट्स के अनुसार आने वाले दिनों में इसके दाम 120 डॉलर तक जा सकते हैं। इससे पेट्रोल-डीजल 20 रुपए तक महंगे हो सकते हैं। उधर, गुरुवार को डॉलर के मुकाबले रुपए में बड़ी गिरावट देखने को मिली है। रुपया 55 पैसे गिरकर 75.16 रुपर प्रति डॉलर पर आ गया है। इससे पहले बुधवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 27 पैसे मजबूत हुआ था। इंटरनेशनल मार्केट में सोना 1,943 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया है। भारतीय बाजार में सोना 1,182 रुपए की बढ़त के साथ 51,561 पर ट्रेड कर रहा है। वहीं चांदी की बात करें तो ये 1,583 रुपए के उछाल के साथ 66,168 पर कारोबार कर रही है।
यूक्रेन-रूस युद्ध के कारण सबसे बड़ा खतरा नेचुरल गैस की सप्लाई चेन के डैमेज होने को लेकर है। दुनिया की कुल नेचुरल गैस उत्पादन में 17% हिस्सा रूस का है। ऐसे में यूक्रेन-रूस विवाद से इसकी सप्लाई प्रभवित हो रही है। इससे वैश्विक स्तर पर गैस की कमी का असर दिखने लगा है और आने वाले दिनों में LPG और CNG की कीमतों में प्रति किलो 10 से 15 रुपए तक की बढ़ोतरी हो सकती है।
रूस-यूक्रेन में तनाव के चलते सोना-चांदी में शानदार तेजी देखने को मिल रही है। सोना एक बार फिर 51 हजार रुपए प्रति 10 ग्राम और चांदी 65 हजार रुपए प्रति किलो के करीब पहुंच गई है। इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) की वेबसाइट के अनुसार, मंगलवार को सर्राफा बाजार में सोने का भाव 50,547 रुपए प्रति 10 ग्राम पर था। वहीं, चांदी 64,656 रुपए प्रति किलोग्राम पर है। अंतरराष्ट्रीय बाजार की बात करें तो सोना 1,909.12 अमेरिकी डॉलर प्रति औंस और चांदी 24 डॉलर प्रति औंस के पार निकल गई है।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि सोने में अभी तेजी की पूरी संभावना है, क्योंकि महंगाई कंट्रोल नहीं हो पा रही है। इंटरनेशनल मार्केट में सोना अगले तीन-चार महीने में 2000 डॉलर के स्तर पर पहुंच सकता है। इससे हमारे यहां सोना 52 हजार रुपए के पार हो सकता है।