PESA ACT: बिरसा मुंडा जयंती पर मध्यप्रदेश के शहडोल में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जनजातीय गौरव दिवस समारोह के मंच से नियमावली का विमोचन “पेसा एक्ट” (पंचायत अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) लागू कर दिया है। इस एक्ट के तहत आदिवासियों को जल, जंगल, जमीन से लेकर संस्कृति संरक्षण के उपबंध बनाए गए हैं, ताकि आदिवासियों को उनके अधिकार मिल सकें।
पेसा एक्ट (PESA ACT) लागू होने का इंतजार प्रदेश के आदिवासी भाई-बहन लंबे समय से कर रहे थे. इस नियम के लागू होने के बाद आदिवासी वर्ग के लोगों के अधिकार बढ़ जाएंगे, इससे पहले सीएम शिवराज ने कहा था कि आदिवासियों के खिलाफ सभी छोटे-मोटे लंबित मामले वापस लिए जाएंगे. सीएम ने आदिवाासियों को वन अधिकार के पट्टे देने की घोषणा भी की है. उन्होंने कहा कि जिनके पास 6 दिसंबर से पहले के पट्टे हैं, उन्हें जमीन दी जाएगी.
क्या है पैसा एक्ट?
बता दें कि पेसा एक्ट 24 अप्रैल 1996 को बनाया गया था और कई राज्यों में यह पहले से लागू है. पेसा कानून को लाने का उद्देश्य आदिवासी बहुल क्षेत्रों में स्व-शासन को मजबूती देना है. देश के 10 राज्यों में यह कानून लागू है. अब मध्य प्रदेश सरकार ने इस कानून को राज्य में पूरी तरह से लागू करने का ऐलान कर आदिवासियों को बड़ी सौगात दी है. पेसा कानून के तहत ग्राम सभाओं को आदिवासी समाज की परंपराओं, रीति रिवाज, सांस्कृतिक पहचान, समुदाय के संसाधन और विवाद समाधान के लिए परंपरागत तरीकों के इस्तेमाल के लिए सक्षम बनाया गया है. दरअसल, पेसा एक्ट के तहत स्थानीय संसाधनों पर स्थानीय अनुसूचित जाति, जनजाति के लोगों की समिति को अधिकार दिए जाएंगे. जिससे अनुसूचित जाति और जनजाति वाली ग्राम पंचायतों को सामुदायिक संसाधन जैसे जमीन, खनिज संपदा, लघु वनोपज की सुरक्षा और संरक्षण का अधिकार मिल जाएगा. पेसा एक्ट लागू होने के बाद सामुदायिक वन प्रबंधन समितियां वर्किंग प्लान के अनुसार, हर साल माइक्रो प्लान बनाएंगे और उसे ग्राम सभा से अनुमोदित कराएंगे. गौरतलब है कि सामुदायिक वन प्रबंधन समिति का गठन भी ग्राम सभा द्वारा किया जाएगा.
मध्य प्रदेश के शहडोल जिले के ब्यौहारी में आज जनजातीय गौरव दिवस आयोजित हो रहा है, इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पहली बार मध्य प्रदेश के दौरे पर आ रही हैं. इसी कार्यक्रम में आज पेसा एक्ट कानून एमपी में लागू हो जाएगा. कार्यक्रम में राज्यपाल मंगूभाई पटेल और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी शामिल रहेंगे.
दरअसल, 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए आदिवासी वर्ग सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण माना जा रहा है. ऐसे में प्रदेश में लगातार दिग्गज नेताओं के दौरे हो रहे हैं. 15 नवंबर 2021 को जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मध्य प्रदेश आये थे, पीएम मोदी ने राशन आपके ग्राम योजना और सिकलसेल उन्मूलन जैसी योजनाएं लागू की थी. इसके बाद 18 सितम्बर 2021 को जबलपुर में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में जनजातियों के कल्याण के लिए कुल 14 बड़ी घोषणाएं की गई थी, जिनमें से 13 घोषणाएं लागू भी की जा चुकी है. वहीं आज अब जनजातीय गौरव दिवस 2022 के अवसर पर राष्ट्रपति की उपस्थिति में पेसा नियमों को लागू किया जा रहा है.