प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बजट सेशन को लेकर शनिवार को सर्वदलीय बैठक की। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों से बात करने के लिए हमेशा तैयार है। किसानों को सरकार की तरफ से 22 जनवरी को जो प्रस्ताव दिया गया था, वह अब भी बरकरार है। बैठक में सरकार ने सभी दलों के सामने बजट सेशन का अपना एजेंडा रखा।
बैठक में कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों ने किसान आंदोलन का मुद्दा प्रमुखता से उठाया। ऑल पार्टी मीटिंग में कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद, टीएमसी के सुदीप बंद्योपाध्याय ने किसान आंदोलन पर बात की। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सरकार लगातार किसानों के मुद्दों को चर्चा के जरिए सुलझाने का प्रयास कर रही है। इसे अपने समर्थकों को समझाएं कि बातचीत के जरिए समाधान निकलना चाहिए। प्रधानमंत्री ने इस दौरान कहा कि देश सर्वोपरि हैं और हम सभी को देश के बारे में सोचना होगा।
किसानों के मुद्दे सुलझाने के लिए सरकार कोशिश कर रही
सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की ओर से किसानों से कही गई बातों को दोहराना चाहता हूं। उन्होंने कहा था कि हम सहमति तक नहीं पहुंचे हैं, लेकिन हम आपको प्रस्ताव दे रहे हैं। मैं आपसे सिर्फ एक फोन कॉल दूर हैं। जब भी आप फोन करेंगे, मैं बातचीत के लिए तैयार हूं। मोदी ने कहा कि उनकी सरकार किसानों के मु़द्दे सुलझाने के लिए लगातार कोशिश कर रही है।
22 जनवरी को सरकार और किसान नेताओं के बीच 12वीं बैठक हुई थी। इसमें सरकार ने कहा था कि नए कानूनों में कोई कमी नहीं है। किसान नेता अगर किसी फैसले पर पहुंचते हैं, तो बताएं। इस पर फिर हम चर्चा करेंगे। इससे पहले 20 जनवरी को हुई मीटिंग में केंद्र ने डेढ़ साल तक नए कृषि कानूनों को लागू नहीं करने और MSP पर बातचीत के लिए कमेटी बनाने का प्रस्ताव रखा था।