हैदराबाद। पॉपुलेशन कंट्रोल का मुद्दा रविवार को एक बार फिर चर्चा में आ गया। वजह है ऑल इंडिया मजलिसे इत्तेहादुल मुसलिमीन (AIMIM) चीफ असदुद्दीन ओवैसी का शनिवार को आया एक बयान। असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि मुसलमान बेवजह टेंशन में न आएं। उनकी आबादी बढ़ नहीं, घट रही है।
ओवैसी का ये बयान संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयान का जवाब था, जिसमें भागवत ने कहा था कि जनसंख्या नियंत्रण और धर्म आधारित जनसंख्या असंतुलन ऐसे मुद्दे हैं, जिन्हें लंबे समय तक नजरंदाज नहीं किया जा सकता। इस पर ओवैसी बोले- सबसे ज्यादा कंडोम का इस्तेमाल मुसलमान कर रहे हैं पर भागवत इस पर नहीं बोलेंगे। वे डेटा रखकर बात ही नहीं करते। ओवैसी ने कहा कि मोदी सरकार ने खुद अदालत से कहा था कि जनसंख्या नियंत्रण मजबूरी नहीं हो सकती है और न ही सरकार ऐसा चाहती है।
जनसंख्या नियंत्रण और धर्म आधारित जनसंख्या संतुलन ऐसे अहम मुद्दे हैं, जिन्हें लंबे समय तक नजंरदाज नहीं किया जा सकता है। एक संपूर्ण जनसंख्या पॉलिसी लाई जानी चाहिए और ये सभी पर बराबरी से लागू हो। धर्म आधारित असंतुलन और जबरदस्ती धर्मपरिवर्तन देश को तोड़ देते हैं। ईस्ट टिमोर, कोसोवो और साउथ सूडान जैसे नए देश धार्मिक आधार पर हुए असंतुलन का उदाहरण हैं।