UP Election: उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के नजदीक आने के साथ ही राजनीतिक सरगर्मियां काफी तेज हो गई है। राजनीतिक दल और राजनेता दोनों एक-दूसरे पर जमकर निशाना साध रहे हैं। इस बार हैदराबाद के कद्दावर नेता और मुस्लिम राजनीति के पैरोकार ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी पहली बार उत्तर प्रदेश की सियासत में दम-खम के साथ उतर रहे हैं, लिहाजा वह राजनेताओं के निशाने पर भी है।
जौनपुर में जनसभा को किया संबोधित
AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश के जौनपुर में एक जनसभा को संबोधित किया और कहा कि योगी आदित्यनाथ, अखिलेश यादव और कांग्रेस आपस में ये तय कर लें कि मैं किसका एजेंट हूं। उन्होंने कहा कि आपने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को यह कहते हुए सुना होगा कि ओवैसी समाजवादी पार्टी के एजेंट हैं। वहीं, सपा का कहना है कि ओवैसी बीजेपी के एजेंट हैं। कांग्रेस कहती है कि मैं बीजेपी की बी टीम हूं। मैं उन सभी से कहना चाहता हूं कि तीनों बैठकर आपस में तय कर लें कि मैं किसका एजेंट हूं।
यूपी की सियासत में ओवैसी का दखल
उत्तर प्रदेश में बड़ी आबादी मुस्लिमों की है और कई सीटों का नतीजा मुस्लीम वोटर तय करते है। ऐसे में ओवैसी का उत्तर प्रदेश की सियासत में कदम रखने से कई पार्टियों के लिए खतरे की घंटी है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी ने एएनआई से कहा था कि बिहार चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी साहब की पार्टी का इस्तेमाल करने की बीजेपी की रणनीति एक हद तक सफल रही है. सभी धर्मनिरपेक्ष दलों को वोट-कटर ओवैसी साहब के बारे में सतर्क रहना चाहिए। वहीं कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने उन्हें सीधे तौर पर “भाजपा एजेंट” कहा है।
इससे पहले ले योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि ओवैसी सपा के एजेंट के तौर पर भावनाओं को भड़का रहे हैं लेकिन अब यूपी दंगों के लिए नहीं बल्कि दंगा मुक्त राज्य के तौर पर जाना जाता है.