Omicron: सिर्फ 9 दिनों में Omicron दुनिया के 30 देशों को अपनी चपेट में ले चुका है। इसने अपना सफर शुरू दक्षिण अफ्रीका से किया और अब इसने भारत में भी दस्तक दे दी है। विशेषज्ञों का कहना है कि इसका फैलाव डेल्टा वेरिएंट से कई गुना ज्यादा है।
24 नवंबर को पहला केस
24 नवंबर को दक्षिण अफ्रीका और बोत्सवाना में ओमिक्रॉन का पहला केस सामने आया था। 26 नवंबर को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस नए वेरिएंट का नामकरण करते हुए इसको ‘ओमिक्रॉन’ नाम दिया और इसके साथ ही इसने अपना दायरा बढ़ाते हुए चार और देशों नीदरलैंड, इजरायल, हांगकांग और बेल्जियम को अपनी चपेट में ले लिया। 27 नवंबर को यह ऑस्ट्रेलिया, चेक गणराज्य, इटली, जर्मनी और ब्रिटेन में पहुंच गया। 29 नवंबर को कनाडा, स्वीडन, स्पेन और स्विट्जरलैंड में, 30 नवंबर को फ्रांस, जापान और पुर्तगाल में और 1 दिसंबर को ऊदी अरब, ब्राजील, दक्षिण कोरिया, यूएसए, नार्वे, आयरलैंड, घाना, नाइजीरिया, यूएई में फैल गया।
53 म्यूटेशन हो चुके हैं
विशेषज्ञों के मुताबिक ओमिक्रॉन में अभी तक कुल 53 म्यूटेशन हो चुके हैं। इसमें से 32 म्यूटेशन तो उसके स्पाइक प्रोटीन में हुए हैं। वहीं डेल्टा वेरिएंट के स्पाइक प्रोटीन में कुल 18 म्यूटेशन हुए थे। गौरतलब है स्पाइक प्रोटीन के जरिए ही वायरस शरीर में प्रवेश करता है। ओमिक्रॉन की आर वैल्यू डेल्टा से करीब छह गुना ज्यादा है, इसका अर्थ है कि ओमिक्रॉन से संक्रमित मरीज 35-45 लोगों में संक्रमण फैलाएगा, इसके विपरीत डेल्टा वेरिएंट की आर वैल्यू 6-7 थी। यानी डेल्टा वेरिएंट से संक्रमित एक व्यक्ति इस वायरस को 6-7 व्यक्तियों में फैला सकता है.
वैक्सीन का असर कम
यदि वैक्सीन के प्रभाव की बात करें तो ओमिक्रॉन पर वैक्सीन का असर कम रहने की संभावना है जबकि इसके विपरीत डेल्टा वेरिएंट कोविशील्ड वैक्सीन काफी प्रभावी रही थी। वहीं ओमिक्रॉन और डेल्टा के लक्षण भी अलग है। डेल्टा में स्वाद या गंध चली जाती है जबकि ओमिक्रॉन में ऐसा नहीं है। डेल्टा और ओमिक्रॉन के प्रमुख लक्षण जैसे-गले में खराश, बुखार, थकान और सिरदर्द, एक जैसे ही हैं। वहीं इस मामले में WHO का कहना है कि फिलहाल इस बात का कोई सबूत नहीं है कि ओमीक्रोन के लक्षण कोरोना के पहले के वेरिएंट से अलग हैं।