Omicron: देश-दुनिया में कोरोना का नया वेरिएंट एक बार फिर से पैर फैलाने लगा है। वैज्ञानिक दबे पांव आए इस वायरस को खतरों से आगाह कर रहे हैं। कोविशील्ड वैक्सीन बनाने वाले वैज्ञानिक ने चेतावनी दी है कि अगला वायरस और भी जानलेवा हो सकता है।
भविष्य के खतरों से किया आगाह
विशेषज्ञ कोरोना के एक बार फिर भयानक होने की बात कह रहे हैं। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर सारा गिलबर्ट के मुताबिक वैक्सीन नये वैरिएंट ओमिक्रॉन के लिए कम प्रभावी साबित हो सकती है और भविष्य में इससे निपटने के लिए और ज्यादा फंड की आवश्यकता होगी। सारा गिलबर्ट ने कहा कि इसके बाद आने वाला वायरस इससे भी ज्यादा खतरनाक हो सकता है। यह ज्यादा संक्रामक, ज्यादा जानलेवा या फिर दोनों हो सकता है। लोग ओमिक्रॉन की वजह से दहशत में हैं, लेकिन भविष्य और बुरा हो सकता है।
तीसरी लहर की संभावना
उन्होंने कहा कि हमको आर्थिक नुकसान से उबरने के लिए ज्यादा फंडिंग की जरुरत होगी। जब तक यह पता नहीं चल जाता कि नए वैरिएंट से लड़ने में वैक्सीन कितनी प्रभावी है, हमे और ज्यादा सतर्क और सुरक्षात्मक तरीके से रहना होगा। वहीं इंग्लैंड में विशेषज्ञों का कहना है कि सार्स-कोवी-2 के नये स्वरूप ओमीक्रोन से कोरोना वायरस महामारी की तीसरी लहर फरवरी में चरम पर पहुंच सकती है। इंग्लैंड में इसकी वजह से रोजाना एक लाख से डेढ़ लाख तक मामले सामने आने की संभावना है।
दैनिक हिंदुस्तान की खबर के मुताबिक भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान के वैज्ञानिक मनिंद्र अग्रवाल ने कहा है कि देश में फरवरी तक तीसरी लहर आ सकती है लेकिन यह दूसरी लहर से हल्की होगी। अब तक हमने देखा है कि ओमीक्रोन से होने वाले संक्रमण की गंभीरता डेल्टा स्वरूप की तरह नहीं है।