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बिजली विभाग स्कीम में 503 करोड़ के घोटाले के बाद भी अधिकारियों के हुए तबादले, नहीं हुई कारवाई

इंदौर। इंदौर में बिजली विभाग से जुड़ी केंद्रीय सरकार की इंटीग्रेटेड पावर डेवलपमेंट स्किम के तहत 530 करोड़ की योजना में हुए घोटाले को लेकर जांच चल रही है, लेकिन जांच में अधिकारियों के तबादले किए गए है, अभी तक उनपर कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

इंदौर आईपीडीएस योजना के तहत पश्चिम विघुत मण्डल की कम्पनी को 230 करोंड़ रुपयो के कई तरह के उपकरण बदलने के लिए उपलब्ध कराए गए थे, जिसमे किमती खम्बे से लेकर तार बोल्ड सहित अन्य उपकरण शामिल थे।

पूरे मामले में अधिवक्ता अभिजीत पांडे द्वारा बताया गया कि शहर के गरीब बस्ती के क्षेत्रों को आईपीडीएस योजना के तहत बदले जाने थे, लेकिन योजना के तहत घोटाले की जनकारी मिलने लगी उसके बाद साल 2020 के अगस्त माह से पूरे मामले को उजागर करने के लिए कई विभागों को पत्राचार किया गया। जब मध्यप्रदेश में पूरे मामले को दबाया जा रहा था तो केंद्र से जुड़े विभागों को इसकी शिकायत की गई और फिर जांच शुरू हुई और उन में दर्जनों अधिकारियों के तबादले किए गए, लेकिन तबादलों से कुछ नहीं होता करीब 8 महीने की जांच में अभी तक कोई भी तथ्य सार्वजनिक रूप से सामने नहीं आए हैं और पूरे मामले की जांच ईओडब्ल्यू सहित आर्थिक शाखा द्वारा की जा रही है।

इंदौर से मृदुभाषी के लिए चंकी बाजपेई की रिपोर्ट

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