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गांवों में अब मकान बनाने के लिए लेना होगी अनुमति, देना होगा अनुज्ञा शुल्क

खिरकिया। सुनील कुमार जैन। शहरों की तरह अब गांवों में भी मकान बनाना आसान नहीं होगा। शहरों, कस्बों की तरह अब गांवों में मकान बनाने के पहले ग्राम पंचायतों की परमिशन लेनी होगी। यही नहीं पुराने मकान की जगह नया निर्माण करने के लिए भी परमिशन लेनी होगी। अब ग्राम पंचायत से भवन अनुज्ञा लेनी होगी। इसके लिए पंचायत में निर्धारित दस्तावेज और शुल्क का भुगतान करना होगा। भवन अनुज्ञा जारी करने का अधिकार ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के सहायक यंत्री स्तर के अधिकारी को होगा। मप्र के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने इसके लिए नियम जारी किए हैं। आम लोगों से 30 दिनों में इस फैसले पर दावे और आपत्तियां मांगी गई है। दावे आपत्तियों के निराकरण के बाद इसे लागू किया जाएगा।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा गांवों में भवन अनुज्ञा को अनिवार्य किया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में बिना ग्राम पंचायत की अनुमति के भवन का निर्माण, पुन: निर्माण नहीं किया जा सकेगा।भवन निर्माण की अनुमति के लिए संबंधित व्यक्ति को निर्धारित दस्तावेज, मकान का नक्शा और निर्धारित शुल्क का भुगतान करना होगा। आवेदन जमा करने के 30 दिन के अंदर यदि ग्राम पंचायत इस पर विचार नहीं करती तो समझा जाएगा कि भवन अनुज्ञा जारी कर दी गई है।कोई भी नया मकान बनाने और रेनोवेशन के लिए पंचायत से परमिशन लेना जरुरी होगा। इसके लिए मकान मालिक को ग्राम पंचायत को लिखित में आवेदन करना होगा। इसमें भवन निर्माण की मूल योजना के साथ ले आउट प्लान, सर्विस प्लान के साथ जमीन के स्वामित्व के प्रमाण पत्र सहित सभी जानकारियां चार प्रतियों में देनी होगी। आवेदन के साथ निर्धारित फीस जमा न करने पर वह मान्य नहीं किया जाएगा। शुल्क की रसीद आवेदन के साथ लगानी होगी।

कान में इन कामों के लिए परमिशन जरूरी नहीं
खिडकी, दरवाजे, रोशनदान को खोलने, बंद करने के लिए, इंटरनल गेट की व्यवस्था, पार्टीशन लगाने के लिए, फॉल्स सीलिंग लगाने के लिए, बागवानी, पुताई, चित्रकारी, खपरैल को दोबारा छाना, छत की मरम्मत, प्लास्टर करना और जुडाई का काम, दोबारा फर्शबंदी (रिफ्लोरिंग), स्वयं की जमीन पर शेड बनाने के लिए, भूकम्प या अन्य प्राकृतिक आपदाओं में नष्ट हुए भवन को पहले की तरह बनाने के लिए, किसी हाईवे, रोड या सार्वजनिक मार्ग के मैंटेनेंस, रिपेयरिंग के लिए, नाली, सीवेज लाइन, मुख्य नाली, पाइप केबिल, टेलीफोन लाईन के निरीक्षण, मरम्मत या नवीनीकरण के लिए सड़क या जमीन को खोदना। हालांकि सड़क खोदने के पहले ग्राम पंचायत को सूचना देना जरूरी होगा। खुदाई के बाद जमीन, सड़क को पहले की स्थिति में रिस्टोरेशन का काम भी करना होगा।

भवन अनुज्ञा के लिए निर्धारित शुल्क

निर्मित क्षेत्र शुल्क(रुपए में)
075 वर्गमीटर तक 200
076 से 125 वर्गमीटर 350
126 से 200 वर्गमीटर 600
201 से 300 वर्गमीटर 900
301 से 400 वर्गमीटर 1200
401 से 600 वर्गमीटर। 2000
601 से 750 वर्गमीटर 2500
751 से 1000 वर्गमीटर 3500
1001 से 1250 वर्गमीटर 5000
1251 से 1500 वर्गमीटर 7000
1501 से 2000 वर्गमीटर 10000
2001 से 2500 वर्गमीटर 15000
2500 से ऊपर- 25000

आवासीय श्रेणी के अलावा भवनों के लिए शुल्क

कमर्शियल यूज के लिए बनने वाले भवन, दुकान, गोदाम, कारखाना, व्यापार, कारोबार या अन्य औद्योगिक प्रयोजन के लिए – 2500 वर्गमीटर से अधिक निर्मित क्षेत्रफल के लिए 40 हजार रुपए फीस अदा करनी होगी। सिनेमा थिएटर के लिए इस्तेमाल होने वाले भवन में 800 लोगों के बैठने की क्षमता तक 15 हजार रुपए शुल्क और 800 से अधिक बैठक क्षमता पर 25 हजार फीस देनी होगी।

बीपीएल परिवारों को पहला भवन बनाने फीस से छूट

ग्राम पंचायत क्षेत्र में निवासरत बीपीएल श्रेणी के हितग्राहियों को पहला मकान बनाने के लिए भवन अनुज्ञा शुल्क से छूट रहेगी। ग्राम पंचायत उन स्थानों में बिल्डिंग परमिशन नहीं देगी, जहां सेहत की दृष्टि से जगह ठीक न हो। सार्वजनिक प्रयोजनों के लिए आरक्षित भूमि और नदी की बाढ़ से प्रभावित जमीन पर भवन निर्माण की परमिशन नहीं दी जाएगी।

30 दिन में पंचायत ने नहीं किया निराकरण तो स्वीकृत माना जाएगा आवेदन

भवन अनुज्ञा के लिए निर्धारित शुल्क अदा कर आवेदन करने के बाद यदि ग्राम पंचायत 30 दिन के भीतर यदि उसकी जांच कर भवन अनुज्ञा नहीं देती है तो यह मान लिया जाएगा कि पंचायत की ओर से अनुज्ञा दे दी गई है। बहुमंजिला इमारत के निर्माण के लिए जिला समिति द्वारा गठित अभिव्यक्त अनुमति के साथ अनुज्ञा दी जाएगी।

ऐसे मिलेगी भवन अनुज्ञा

भवन अधिकारी से प्रतिवेदन मिलने के बाद ग्राम पंचायत योजना और स्पेशिफिकेशन को स्वीकृत करेगी या नामंजूर करेगी। या फिर बदलावों, दिशानिदेर्शों के साथ स्वीकृत कर सकेगी। एक बार भवन अनुज्ञा की स्वीकृति एक साल के लिए ही मान्य होगी। इसके अगले साल के लिए पहले दी गई बिल्डिंग परमिशन को पुन: विधिमान्य कराना पडेगा। पुर्नविधिमान्यकरण भी एक-एक साल करके लगातार दो साल के लिए ही हो सकेगा। इसके बाद नया आवेदन कर भवन अनुज्ञा लेना होगी। मकान का निर्माण कार्य पूरा होने के एक महीने के भीतर ऐसे काम पूरे होने की लिखित सूचना ग्राम पंचायत को देनी।

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