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अब 90’s Kids के हवाले त्योहार साथियों

लेखक तुषार रामडिया. क्या दिवाली नाम सुनते ही आपके भी ज़हन में रोशनी की बरखा छा जाती है? क्या आपका भी वज़न दिवाली के बाद भांगड़ा करने लगता है? क्या आपने भी फटाकों के न जलने पर उसका बारूद निकालकर जलाया है? अगर आपका जवाब “हाँ” है, तो स्वागत है, यह लेख आपके लिए है। बात बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि आपके ऊपर बहुत बड़ी ज़िम्मेदारी है।

आपके ऊपर त्योहारों को बचाने का बोझ है। इस लेख का नाम ही है “अब 90’s Kids के हवाले त्योहार साथियों” लेकिन सवाल उठता है कि 90’s Kids के ऊपर ही यह भार क्यों है। तो आइए इस पर टॉर्च चमकाते है कि त्योहार और 90’s Kids में क्या सम्बन्ध है।

“With great power comes great responsibility – Ben Parker “

90’s Kids – अर्थात वह शिशु जो बेहद विचित्र नक्षत्र में अवतरित हुए हैं। जिन्होंने 21वीं सदी की ओर दौड़ रहे समय के साथ नेकर में पकड़म पकड़ाई खेली है। समाज व संस्कृति को जीवन के साथ Hide & Seek यानि लुका-छुपी खेलते हुए देखा है। अगर आपने भी महान 90’s के दशक में जन्म लिया है, तो यह निम्न लिखित घटनाएं संभवतः आपके जीवन में घटित हो चुकी होगी।

1 – आप कम से कम एक बार अपने दिल को गार्डन गार्डन होते हुए महसूस कर चूके होंगे। फिर उसी गार्डन में सूखे पत्तों की तरह दिल को बिखरते हुए अनुभव किया होगा। जिसके बाद मोहब्बत के तमाम घटनाक्रम को याद कर खुद के लिए किसी हास्यास्पद अपशब्द का इस्तेमाल किया होगा।

2 – आप एक या एक से ज़्यादा ऐसे दिन देख चुके होंगे जिसने आपको पैसों की Super Power समझाई होगी।

3 – साथ ही आप त्योहारों का वह सवर्णिम दौर देख चुके है, जिसमें हर त्योहार को Mega Event की तरह मनाया जाता था।

(इस List में कई बातें और है, लेकिन उम्मीद है आप भावनाएं समझ गए होंगे)

त्योहार – अर्थात वह च्यवनप्राश जो ज़िन्दगी को ताज़ा और खुशहाल बनाएं रखता है। त्योहारों के बगैर जीवन बिना मसाले की दाल है, जिसे पीने से ज़्यादा ढोलने में तसल्ली मिलती है। तो यदि आप चाहते है कि जीवन को बेमतलब ढोला न जाएं तो हमें त्योहारों की शरण में जाना होगा।

त्योहार और 90’s Kids का सम्बन्ध –

परिवर्तन संसार का नियम है और हमारा समाज भी बदलाव नामक बुलेट ट्रैन पर सवार हो चूका है। इस तेज़ी से बदलती दुनियां को, बदलते तरीकों को और सबसे ज़रूरी बदलाव यानी बढ़ती Generation gap को 90’s Kids को ही संभालना होगा। नई फसल यानी Younger Generation तेज़ी से चीज़ों, मान्यताओं और रिवाज़ों को नकारती जा रही है। और दूसरी तरफ Old Generation इन्हीं चीज़ों को ज़िद्दी बच्चों की तरह पकड़कर बैठी हुई है। इस सागर मंथन में शेषनाग है 90’s Kids जो दोनों और से जुड़े हुए है। आप फटाकों से होने वाले प्रदुषण को लेकर चिंतित भी है और रात भर फटाके फोड़ने का मज़ा भी जानते है। आप घटते Water Level को लेकर परेशान है, पर होली के मौके पर अपने गांव, मोहल्ले को ब्रज व मथुरा में बदलना भी जानते है। आप त्योहारों को बिना बंदिशों के मनाना जानते है। बेफिक्र होकर उत्साह में झूमना जानते है, इसीलिए त्योहारों को बचाने की ज़िम्मेदारी आपकी है। त्योहार निर्जीव जीव में प्राण फूंकने का काम करते है, लेकिन आज इन त्योहारों को आपकी ज़रूरत है। क्योंकि 90’s Kids होने के कारण आप दो सदियों को ही नहीं, दो विचारधाराओं को भी जोड़ते है।

“Alright kid… You’re an Avenger now – Tony Stark”

आखिर संदेश –

90’s Kids अब समय आप लोगों का है, सरकार चुनने के साथ आपको अब समाज में संस्कृति, साहित्य और संस्कार भी चुनना है। चाहे आप Secular, Right Wing, Left Wing या किसी भी विचारधारा के हो, याद रखिये फिजाओं में बीना खुशी घोले आप समाज, परिवार और अपने आप को आंनद व उन्नति के रस्ते पर नहीं ले जा सकते है। माफ़ कीजियेगा अब मुझे भी दिवाली की तैयारियों में जुटना है तो बस इसी बात के साथ अपनी बातों को पूर्णविराम देने चाहूंगा। बहुत बड़ चुका है Generation gap, Depression और Mix culture साथियों, अब तुम 90’s Kids के हवाले त्योहार साथियों,,,

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