कोच्चि। केरल उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है कि सबरीमाला मंदिर में कोई भी हेलीकॉप्टर सेवा या वीआईपी दर्शन न करे। कोर्ट ने यह भी कहा कि मंदिर में किसी को स्पेशल ट्रीटमेंट नहीं दिया जाना चाहिए।
न्यायमूर्ति अनिल के नरेंद्रन और न्यायमूर्ति पीजी अजीत कुमार की खंडपीठ ने एक निजी एजेंसी द्वारा सबरीमाला तीर्थयात्रियों के लिए हेलीकॉप्टर सेवा पैकेज के संबंध में सामने आई विभिन्न समाचार रिपोर्टों पर पिछले महीने उच्च न्यायालय द्वारा लिए गए स्वत: संज्ञान पर विचार करते हुए यह आदेश जारी किया है। गौरतलब है कि एन्हांस एविएशन सर्विसेज लिमिटेड अपनी वेबसाइट (helikerala.com) पर सबरीमाला तीर्थयात्रियों के लिए हेलीकॉप्टर सेवाओं की पेशकश कर रहा था।
कोर्ट ने आदेश में आगे कहा कि, देवस्वओम बोर्ड को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इस आदेश को लागू किया जाएगा। जब निलक्कल (सबरीमाला से ठीक पहले रुकने का स्थान) पहुंच जाता है, तो हर कोई एक साधारण भक्त होता है। पिछले महीने की विशेष बैठक में, अदालत ने कहा कि केरल पुलिस अधिनियम, 2011 की धारा 83 (1) और (2) के तहत जारी अधिसूचना के संदर्भ में सबरीमाला और इसके आसपास के क्षेत्र को विशेष सुरक्षा क्षेत्र घोषित किया गया है। सहायक पुलिस महानिरीक्षक की रिपोर्ट के अनुसार, निलक्कल से वाहनों की आवाजाही को प्रतिबंधित करने और नीलक्कल से सड़क के किनारे वाहनों की पार्किंग पर रोक लगाने के लिए विभिन्न निर्देश जारी किए गए हैं। इस तरह के सभी प्रतिबंधों के बावजूद, 11वें प्रतिवादी (एन्हांस एविएशन सर्विसेज लिमिटेड) ने त्रावणकोर देवास्वोम बोर्ड से बिना अनुमति सबरीमाला तीर्थयात्रियों को अपने हेलीकॉप्टर सेवा पैकेज के हिस्से के रूप में दर्शन और अन्य सुविधाएं प्रदान कीं।