निर्जला एकादशी करने से सभी एकादशी का मिलता है फल
Nirjala Ekadashi 2023: आज निर्जला एकादशी है। यह व्रत काफी कठिन माना जाता है, लेकिन इसके फायदे भी बहुत होते हैं। एक निर्जला एकादशी करने से सालभर के सभी एकादशी का फल मिलता है। महाभारत काल में भीम ने भी यह व्रत रखा था।
Benefits of Nirjala Ekadashi Fast: भगवान विष्णु को समर्पित निर्जला एकादशी आज यानी 31 मई को है। यह एकादशी हिंदू धर्म में बेहद महत्वपूर्ण है। वैसे, हर महीने में दो एकादशी होते हैं। इसके अनुसार एक साल में 24 और अधिकमास में 26 एकादशी होते हैं। इन सभी एकादशी व्रतों को अलग-अलग नाम से जाना जाता है। इन सभी का अपना-अपना महत्व भी है।
सबसे महत्वपूर्ण निर्जला एकादशी होता है, क्योंकि यह सबसे कठिन भी है। हिंदू पंचांग के मुताबिक निर्जला एकादशी का व्रत प्रत्येक साल ज्येष्ठ महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन होता है।
निर्जला एकादशी से जुड़े महत्वपूर्ण समय
ज्येष्ठ माह शुक्ल पक्ष एकादशी मंगलवार की दोपहर 1:07 मिनट से शुरू है। बुधवार यानी 31 मई की दोपहर 1:45 बजे ज्येष्ठ माह शुक्ल पक्ष एकादशी समाप्त हो जाएगा। गुरुवार यानी 1 जून की सुबह 5:24 बजे से 8:10 बजे तक निर्जला एकादशी व्रत का पारण मुहूर्त है।
भीम एकादशी के नाम से भी प्रसिद्ध
इस निर्जला एकादशी व्रत को महाबली भीम ने भी रखा था। इस वजह से इसे भीम एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि आप सभी एकादशी का व्रत नहीं रख सकते हैं तो सिर्फ निर्जला एकादशी के व्रत को रखें। इससे सभी एकादशी व्रतों के बराबर फल मिलते हैं।
व्रत से जुड़ी पौराणिक कथा
पौराणिक कथा के मुताबिक भीमसेन को बहुत अधिक भूख लगती थी। इस कारण वह सभी एकादशी का व्रत रखने में असक्षम थे। तब महर्षि वेद व्यास जी ने भीम को निर्जला एकादशी का महत्व बताया था। उन्होंने कहा था- हे भीम! तुम अगर सिर्फ निर्जला एकादशी का व्रत करते हो तो तुम्हें सभी एकादशी के समान फल प्राप्त होंगे।