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‘मेरा नाम ज्योतिरादित्य सिंधिया है’ कांग्रेस नेता के तंज पर मंत्री ने दिया जवाब

नई दिल्ली। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को महाराज कहा तो अब केंद्रीय मंत्री की इसपर प्रतिक्रिया भी आ चुकी है। दरअसल लोकसभा में एक सवाल पूछते वक्त अधीर रंजन चौधरी ने सिंधिया को महाराज कहा था। इस पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि मेरा नाम ज्योतिरादित्य सिंधिया है। सदन में प्रश्नकाल के दौरान दोनों नेताओं के बीच हल्की-फुल्की नोकझोंक देखने को मिली।

नागर विमानन मंत्रालय से संबंधित पूरक प्रश्न पूछने के दौरान चौधरी ने कहा कि एक महाराज यहां हैं और दूसरे महाराज ‘एयर इंडिया’ का निजीकरण किया जा रहा है। इसके बाद उन्होंने पश्चिम बंगाल में कुछ हवाई अड्डों को लेकर सवाल किया। पूरक प्रश्न का उत्तर देते हुए सिंधिया ने कहा कि मैं कांग्रेस के नेता को सूचित करना चाहता हूं कि मेरा नाम ज्योतिरादित्य सिंधिया है। वह बार-बार मेरे अतीत के बारे में चर्चा करते रहे हैं। मैं उन्हें सिर्फ यह सूचित करना चाहता था। प्रश्नकाल के दौरान लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री हरदीप पुरी से कहा कि वे सांसदों को स्मार्ट सिटी योजना से संबंधित सलाहकारों की बैठकों में सांसदों को बुलाएं। उन्होंने कहा कि सांसदों को सलाहकार समिति की बैठक में नहीं बुलाया जाता। यह सभी सांसदों की वेदना है। इसके बाद बिरला ने सदन में यह भी पूछा कि क्या बैठक में बुलाया जाता है तो कई सांसदों ने कहा कि नहीं। पुरी ने कहा कि अगर सांसद कुछ चाहते हैं तो वह उस बारे में बात करने को तैयार हैं।

एमएसएमई उद्योग पर पड़ा असर

सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री नारायण राणे ने अपने मंत्रालय से जुड़े पूरक प्रश्न के उत्तर में कहा कि कोरोना महामारी में एमएसएमई उद्योग पर भारी असर हुआ है। कई बंद हुए और कई आरंभ हुए हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत कई पहल की गईं। इस योजना के तहत 2.8 लाख करोड़ रुपये एमएसएमई इकाइयों की मदद के लिए खर्च किए गए।

भारत में 10 लाख आबादी पर करीब 21 जज

सरकार ने गुरुवार को बताया कि भारत में प्रति दस लाख की आबादी पर न्यायाधीशों की संख्या करीब 21 है। कानून मंत्री किरेन रिजीजू ने राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि किसी भी वर्ष में प्रति दस लाख की आबादी पर न्यायाधीशों की संख्या गिनने के लिए मंत्रालय का कानून विभाग 2011 की जनगणना के मुताबिक जनसंख्या और सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट, जिला अदालत और अधीनस्थ अदालतों में उस साल न्यायाधीशों की स्वीकृत संख्या के बारे में उपलब्ध जानकारी का उपयोग करता है। उन्होंने बताया ह्य31 दिसंबर 2021 की स्थिति के अनुसार, न्यायाधीशों की स्वीकृत संख्या 21.03 को देखते हुए उनका एवं आबादी का अनुपात प्रति दस लाख में करीब 21 न्यायाधीश है। सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों की स्वीकृत संख्या 34 और 25 उच्च न्यायालयों में 1098 है। लंबित मामलों के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि फास्ट ट्रैक अदालतों सहित अधीनस्थ अदालतों की स्थापना और उसका कामकाज, संबंधित उच्च न्यायालयों के परामर्श से राज्य सरकारों के दायरे में आता है। रिजीजू ने बताया ह्यउच्च न्यायालयों द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर 2021 तक 22 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कुल 898 फास्ट ट्रैक अदालतें काम कर रही हैं।

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