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नगर निगम का बाबू निकला करोड़पति, मस्टरकर्मी के पद पर हुआ था भर्ती

इंदौर। आय से अधिक संपत्ति की शिकायत मिलने पर आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने गुरुवार को इंदौर नगर निगम के बाबू के ठिकानों पर छापेमारी की। टीम ने निगम के लेखा विभाग के राजकुमार साल्वी के ठिकानों पर यह कार्रवाई की। जांच में टीम को प्लाट, फ्लैट के दस्तावेज, कई बैंक खाते, लाखों रुपए की बीमा पॉलिसी, सोने-चांदी के आभूषण मिले हैं। प्रारंभिक आकलन के हिसाब से डेढ़ करोड़ रुपए की संपत्ति पाई गई है। विस्तृत जांच के बाद और अधिक संपत्ति मिलने की संभावना है। राजकुमार 1997 में मस्टरकर्मी के पद पर भर्ती हुआ था। नगर निगम में ठेकेदारों के बिल पास करने के विभाग में काम करता था। 2016 में वह स्थायी हुआ है। टीम ने राजकुमार के घर से कई ठेकेदारों के बिल, नक्शे और फाइल बरामद की हैं। राजकुमार इन्हें घर में क्यों रखे हुआ था? इस मामले में भी उससे पूछताछ की जा रही है। बेटी, बेटे और पत्नी के भी बैंक खाते और एफडी की जानकारी ईओडब्ल्यू के अधिकारियों को लगी है। इसके साथ ही लाखों रुपए का सोना भी राजकुमार के घर से मिला है।

25 साल में 26 लाख वेतन

नगर निगम के 25 साल के सेवाकाल में राजकुमार साल्वी का वेतन 26 लाख रुपए आंका गया। आरोपों की जांच में पाया गया कि उसके पास वेतन से कहीं ज्यादा संपत्ति है। आय से अधिक संपत्ति पर ईओडब्ल्यू ने कर्मचारी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दर्ज एफआईआर में कार्रवाई की है।

यह मिला जांच में

  • 02 मकान अंबिकापुरी, बीवैद्य ख्यालीराम मार्ग पर
  • 02 फ्लैट मोहता बाग की एक बिल्डिंग में
  • 03 भूखंड भी मिले है ईओडब्ल्यू को
  • 01 लग्जरी कार, तीन बाइक

पत्नी के नाम से फर्म बनाई

राजकुमार साल्वी ने कुछ साल पहले पत्नी के नाम से फर्म भी बनाई थी। इसमें काफी लेनदेन हुआ और बाद में इसे बंद कर दिया गया। इस मामले को लेकर भी राजकुमार की शिकायत हुई थी। कहा जा रहा है कि राजकुमार सालवी के कई रसूखदारों से संबंध थे और बिल पास करवाने के एवज में वह कमीशन भी लेता था।

हो रही विस्तृत जांच

अब तक की जांच में क्लर्क की एक करोड़ से ज्यादा की प्रॉपर्टी सामने आई है। विस्तृत जांच जारी है। -अजय जैन, डीएसपी

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