Mradhubhashi
Search
Close this search box.

बंदर की मौत पर इस गांव में हुआ मृत्युभोज, 1500 लोग हुए शामिल

राजगढ़: इंसान की मृत्यु पर विधि-विधान से अंतिम संस्कार और उसके बाद मोक्ष के लिए मृत्युभोज के आयोजन तो काफी आम है, लेकिन मध्य प्रदेश के एक गांव में बंदर की मृत्यु पर उसका विधिवत अंतिम संस्कार कर उसकी आत्मा की शांति के लिए विशाल मृत्युभोज का आयोजन किया गया।

ठंड से हुई थी बंदर की मृत्यु

बंदर की मृत्यु पर मृत्युभोज का यह मामला मध्य प्रदेश में राजगढ़ जिले के एक गांव डालूपुरा का है। इन दिनों प्रदेस के कई हिस्सों में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। राजगढ़ में शीतलहर जारी है। ऐसे में इस भीषण ठंड की चपेट में आकर एक बंदर की मृत्यु हो गई। बंदर को चूंकि सनातन संस्कृति में हनुमानजी के वंश का माना जाता है इसलिए गांववालों ने बंदर की मृत्यु की खबर मिलते के बाद विधिवत तैयारी करके उसका अंतिम संस्कार किया।

बंदर का किया अंतिम संस्कार

इसके बाद बंदर की आत्मा की शांति के लिए तेरहवें दिन एक विशाल मृत्युभोज का आयोजन किया, जिसमें डालूपुरा और उसके आसपास के गांव के करीब 1500 लोग शामिल हुए। बंदर की मौत 29-30 दिसंबर की रात को ठंड लगने की वजह से हुई थी। 30 दिसंबर को उसका विधिवत अंतिम संस्कार किया गया। और उसकी तेरहवी की रस्म को इसके बाद निभाया गया।

मोक्ष के लिए हुआ मृत्युभोज

डालूपुरा ग्राम पंचायत के पूर्व सरपंच अर्जुन सिंह चौहान का कहना है कि गांव के सभी निवासी बंदरों को भगवान हनुमान का स्वरूप मानते हैं। इसलिए हमारे गांव की एक परंपरा है गांव में किसी बंदर की मृत्यु हो जाती है तो हम सब गांव के लोग मिलकर उसका अंतिम संस्कार उसी प्रकार करते हैं जिस प्रकार एक मनुष्य की मृत्यु होने के बाद किया जाता है।

ये भी पढ़ें...
क्रिकेट लाइव स्कोर
स्टॉक मार्केट