भोपाल। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत मध्यप्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में ओबीसी के लिए आरक्षित पंच, सरपंच, जनपद पंचायत सदस्य और जिला पंचायत सदस्य पद के लिए चुनाव प्रक्रिया स्थगित कर दी गई है। अब अन्य पदों के लिए भी राज्य निर्वाचन आयोग ने नई व्यवस्था जारी की है। इसके तहत मतगणना तो होगी, पर नतीजे घोषित नहीं किए जाएंगे। निर्विरोध निर्वाचन के मामले में भी नतीजे घोषित नहीं होंगे।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश की वजह से लिया निर्णय
राज्य निर्वाचन आयोग ने बुधवार को नया आदेश जारी किया। इसमें कहा गया है कि मनमोहन नागर विरुद्ध मध्यप्रदेश शासन एवं अन्य मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश की वजह से ओबीसी के लिए आरक्षित पंच, सरपंच, जनपद सदस्य और जिला पंचायत सदस्य के पदों की निर्वाचन प्रक्रिया स्थगित कर दी गई है। कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा था कि ओबीसी के लिए आरक्षित सीटों को सामान्य कर दोबारा नोटिफिकेशन जारी किया जाए। इसके पालन को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग ने तय किया है कि पंच और सरपंच पद के लिए मतदान केंद्र पर मतगणना होगी। जनपद पंचायत सदस्य और जिला पंचायत सदस्य की विकासखंड मुख्यालय पर ईवीएम से मतगणना कराई जाएगी। पंच और सरपंच पद की विकासखंड मुख्यालय पर मतगणना होगी। सभी पदों के लिए मतगणना का सारणीकरण और नतीजों की घोषणा संबंधी कार्यवाही सुप्रीम कोर्ट के अगले आदेश तक स्थगित की जाती है। इस संबंध में अलग से आदेश जारी होगा।
एक साथ जारी होंगे परिणाम
दरअसल, निर्वाचन आयोग ने एमपी पंचायत चुनाव के रिजल्ट प्रक्रिया पर फिलहाल रोक लगा दी है। मतलब ओबीसी आरक्षित सीटों को छोड़कर सभी सीटों पर मतदान होगा, लेकिन सभी के परिणाम एक साथ होंगे जारी। यानी जिन सीटों पर मतदान होगा उनका रिजल्ट फिलहाल होल्ड पर रखा जाएगा, बाद में जब ओबीसी आरक्षित सीटों पर फैसला हो जाएगा और उन पर जब मतदान की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी, उसके बाद ही सभी परिणाम जारी होंगे।
दोबारा जारी होगी तारीख
रिजल्ट प्रक्रिया पर रोक लगाने के साथ निर्वाचन आयोग की तरफ से बताया गया कि मतगणना और निर्वाचन परिणाम की तारीख दोबारा से जारी की जाएगी। फिलहाल रिजल्ट पर रोक लगाने की प्रक्रिया की जानकारी सभी जिलों के कलेक्टरों और को जारी कर दी गई है।
अभिलेख सुरक्षित रखे जाएंगे
मतगणना से संबंधित समस्त अभिलेख उपस्थित अभ्यर्थियों/अभिकर्ताओं की उपस्थिति में सील बंद कर सुरक्षित अभिरक्षा में रखे जाएंगे। किसी भी पद पर निर्विरोध निर्वाचन की स्थिति निर्मित होने पर रिटर्निंग आॅफिसर द्वारा अभ्यर्थी को न ही निर्वाचित घोषित किया जाएगा और न ही निर्वाचन का प्रमाण-पत्र जारी किया जाएगा। इस आदेश का व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश भी जिला निर्वाचन अधिकारियों को दिये गए हैं।
आज नाम वापसी का दिन
दो लाख 15 हजार 35 अभ्यर्थी जिला और जनपद सदस्य के साथ सरपंच और पंच पद के लिए नामांकन पत्र जमा कर चुके हैं। अभ्यर्थी गुरुवार तक नाम वापस ले सकते हैं। पहले चरण का चुनाव छह जनवरी और दूसरे चरण का 28 जनवरी को होगा।
दो बार कराना पड़ेंगे चुनाव
मौजूदा प्रक्रिया में ओबीसी के लिए आरक्षित पदों को छोड़कर चुनाव की प्रक्रिया संचालित की जा रही है। इससे दो बार पंचायत के चुनाव कराने पड़ेंगे। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि सरकार का स्पष्ट मत है कि चुनाव ओबीसी आरक्षण के साथ हों। इसके लिए विधि विशेषज्ञों से परामर्श किया जा रहा है।
आयोग अलग से निर्देश देगा
सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार त्रि-स्तरीय पंचायत निर्वाचन में सभी पदों के लिए मतगणना का सारणीकरण तथा निर्वाचन परिणाम की घोषणा संबंधी कार्यवाही स्थगित रहेगी। इस संबंध में आयोग द्वारा अलग से निर्देश दिए जाएंगे। –बीएस जामोद, सचिव, राज्य निर्वाचन आयोग