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मप्र कैबिनेट बैठक: 3 साल में बिजली उपभोक्ताओं के मीटर स्मार्ट मीटर में तब्दील किए जाएंगे

भोपाल। मध्यप्रदेश में अब फसल के नुकसान का सर्वे सैटेलाइट से कराया जाएगा। साथ ही अस्पतालों के प्रबंधन के लिए अलग कैडर के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई है। यह फैसले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षत में मंत्रालय में हुई मप्र कैबिनेट की बैठक में मंगलवार को लिए गए। बैठक में ग्रामीण क्षेत्र में छोटे किसानों और भूमिहीन श्रमिकों की ऋण और ब्याज की माफी संबंधी विधेयक के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।

इसके तहत गैर पंजीकृत साहूकारों द्वारा 15 अगस्त 2020 तक दिए गए ऋण और उसके ब्याज को अब नहीं चुकाना होगा। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कैबिनेट बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया कि 3 साल में बिजली उपभोक्ताओं के मीटर स्मार्ट मीटर में तब्दील किए जाएंगे। इसके लिए केंद्र सरकार की योजना को मध्यप्रदेश में लागू करने की मंजूरी दी गई। चिन्हित क्षेत्रों में प्रीपेड मीटर भी लगाए जाएंगे।

फसल नुकसान का सर्वे सैटेलाइट से

नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि प्रदेश में अब फसल नुकसान का सर्वे सैटेलाइट से किया जाएगा। कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए सर्वे से जुड़ी व्यवाहारिक दिक्कत को दूर कर किसानों को बड़ी राहत प्रदान की है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनातर्गत किसानों को फसल की क्षति होने पर वित्तीय सहायता के लिए 2020-21 से 2022-23 तक के लिए कुल राशि 17072.30 करोड़ का वित्तीय आकार निर्धारित करते हुए निरंतर रखे जाने का निर्णय लिया गया है।

बिजली खपत पर किसानों के सब्सिडी

बिजली खपत पर किसानों और घरेलू उपभोक्ताओं को 22 हजार 800 करोड़ रुपएकी सब्सिडी देने का निर्णय लिया गया है। बुरहानपुर जिले में उत्पादन और रोजगार की दृष्टि से महत्वपूर्ण टेक्सटाइल क्लस्टर स्थापित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। टेक्सटाइल क्लस्टर से रोजगार के चार हजार नए अवसर सृजित होने का अनुमान है। मध्यप्रदेश के स्थापना दिवस पर प्रदेश के मूल निवासियों के लिए तीन नए पुरस्कार देने का निर्णय लिया है। इनमें मध्य प्रदेश गौरव सम्मान, शासकीय योजनाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए मुख्यमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार, टीम और नवाचार के लिए मुख्यमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार शामिल है।

स्वास्थ्य विभाग में चार कैडर

लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के तहत स्वीकृत पदों के लिए चार कैडर बनाए जाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है। मरीजों के लिहाज से यह निर्णय अहम है क्योंकि अब अस्पताल प्रबंधन के लिए अलग कैडर बनने से डॉक्टर अब अतिरिक्त दायित्व से मुक्त होकर उनकी बेहतर देखभाल कर सकेंगे। पहला क्लीनिक कैडर होगा, इसमें मरीजों का इलाज करने वाले डॉक्टर होंगे।दूसरा एडमिनिस्ट्रेटिव कैडर होगा, जो अस्पताल के प्रबंधन का काम देखेगा। वर्तमान में प्रदेश में डॉक्टरों के 8900 पद स्वीकृत हैं। इनमें 5186 पद भरे जा चुके हैं और 4000 डॉक्टरों के पद भरे जाने हैं। मौजूदा समय में 25 फीसदी पर विशेषज्ञ डॉक्टरों के खाली पदों को भरे जाने की प्रक्रिया जारी है, जबकि 75 प्रतिशत पदोन्नति से भरे जाने का प्रावधान है,ऐसे में राज्य सरकार अब नई व्यवस्था लागू करने जा रही है।

ये फैसले भी हुए
12 सौ करोड़ की मनासा सिंचाई उद्वहन योजना को कैबिनेट की स्वीकृति। राजस्व मंडल में अब निर्णय पीठ द्वारा किए जाएंगे। इसके लिए सरकार भू राजस्व संहिता में संशोधन के लिए अध्यादेश लाएगी।

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