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राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 लागू करने वाला देश का दूसरा प्रदेश बना एमपी, 5+3+3 + 4 पैटर्न लागू होगा

भोपाल। मध्यप्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 गुरुवार से लागू हो गई। अब प्रदेश में नई शिक्षा नीति के तहत ही कॉलेजों में नए सत्र से एडमिशन किए जाएंगे। राज्यपाल मंगूभाई पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उच्च शिक्षा मंत्री की मौजूदगी में भोपाल के मिंटो हॉल में गुरुवार को यह आयोजन हुआ। कार्यक्रम में विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने भी हिस्सा लिया। मध्यप्रदेश अब कर्नाटक के बाद नई शिक्षा नीति -2020 को लागू करने वाला देश का दूसरा राज्य बन गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर शिक्षा आजीविका प्रदान करने का सामर्थ्य न दे सके तो वह शिक्षा अधूरी है। ज्ञान का मतलब संपूर्ण ज्ञान है। हम बच्चों को बांध नहीं सकते। प्रदेश की सारी यूनिवर्सिटी इंडस्ट्रीज के साथ मिलकर काम करें, ताकि बड़ी संख्या में युवाओं को रोजगार मिल सके। उन्होंने प्रदेश के विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को नसीहत दी कि आप सभी सिर्फ यूनिवर्सिटी में कैद न रहें, कॉलेजों को मान्यता देने का ही काम न करें, बल्कि नई शिक्षा नीति को लेकर यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में क्या काम किया जाए, इसकी मॉनिटरिंग करें। यूनिवर्सिटी और संबद्धता वाले कॉलेजों का लगातार निरीक्षण करते रहें।

रिसर्च फाउंडेशन की घोषणा

सीएम शिवराज ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति में नेशनल रिसर्च फाउंडेशन की बात कही है। उन्होंने कहा कि मप्र में हम राज्य शोध एवं ज्ञान फाउंडेशन स्थापित करेंगे।

यह आएगा बदलाव:

-नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू होने के बाद अब प्रदेश में 10+2 का सिस्टम खत्म हो जाएगा और 5+3+3+ 4 का पैटर्न फॉलो किया जाएगा। यानी किसी भी स्ट्रीम का स्टूडेंट कोई और सब्जेक्ट भी पढ़ पाएगा।
-अब स्टूडेंट की क्रेडिट ट्रांसफर हो सकेगी। एक कॉलेज से दूसरे कॉलेज में ट्रांसफर होने पर भी क्रेडिट ट्रांसफर हो सकेगी।

  • स्टूडेंट्स के पास ऑनलाइन पढ़ाई का विकल्प रहेगा। आॅनलाइन सिलेबस से प्राप्त अंकों और ग्रेड को अंकसूची में प्रदर्शित किया जाएगा।
  • बैचलर विद रिसर्च का 4 साल का कोर्स राष्ट्रीय शिक्षा नीति में मिलेगा।
  • फर्स्ट ईयर से ही इंटर्नशिप की सुविधा स्टूडेंट्स को दी जा रही है।
    -स्टूडेंट्स अगर किसी वजह से बीच में पढ़ाई छोड़ देता है तो उसे बाद में भी जारी रख सकता है।
  • 3 साल और 4 साल बैचलर विद रिसर्च के दो अलग-अलग डिग्री कोर्स शुरू किए गए हैं।
  • ग्रेजुएशन 3 साल में ही कंप्लीट हो जाएगी। रिसर्च वाले स्टूडेंट्स को 4 साल का बैचलर कोर्स की सुविधा दी गई है।

ऐसे समझें 5+3+3+4 सिस्टम के मायने क्या?

3 साल की आंगनवाड़ी/प्री स्कूलिंग के साथ 12 साल की स्कूली शिक्षा होगी। इन वर्षों को 4 वर्गों में बांटा गया है। पहले वर्ग में 3 से 6 साल के छात्र होंगे। इन्हें प्री प्राइमरी से लेकर दूसरी तक शिक्षा दी जाएगी। दूसरे वर्ग में तीसरी से पांचवीं तक का पाठ्यक्रम होगा। तीसरे वर्ग में छठी से आठवीं के लिए पाठ्यक्रम तैयार किया जाएगा। इसी दौरान सब्जेक्ट का इंट्रोडक्शन कराया जाएगा। चौथे वर्ग में नौंवी से 12वीं तक के छात्र आएंगे। इस दौरान छात्रों को खास कई विषयों के साथ-साथ प्रैक्टिकल पर ध्यान दिया जाएगा।

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