Mradhubhashi
Search
Close this search box.

चार हजार से ज्यादा भिक्षुक इंदौर में सक्रिय, रात के अंधेरे में भी मांग रहे हैं भिक्षा

इंदौर। शहर को बेगर फ्री सिटी बनाने के लिए जिला प्रशासन ने युद्ध स्तर पर काम शुरू कर दिया है, लेकिन अभी भी कई चौराहों पर इनकी संख्या जस की तस बनी हुई हैं। भिक्षुक मुक्त शहर बनाने का अभियान चौराहों पर नजर नहीं आ रहा। सूत्रों के अनुसार भिक्षुकमुक्त शहर बनाने के लिए मार्च 2021 तक का समय तय किया गया था। इस दौरान भिक्षुकों की संख्या घटने की बजाए और बढ़ गई। इससे पहले तत्कालीन इंदौर निगम कमिश्नर ने भिक्षुक मुक्त शहर बनाने के लिए विशेष अभियान शुरू किया था, इसके लिए नोडल अधिकारी भी नियुक्त किए थे। तत्कालीन कलेक्टर लोकेश कुमार जाटव ने कहा था कि अभियान शुरू कर दिया गया है और मार्च तक इससे संबंधित कार्ययोजना तैयार कर ली जाएगी।

चौराहों पर रोकते हैं गाड़ी

स्मार्ट सिटी के नाम पर करोड़ों रुपए के विकास कार्य किए जा रहे हैं, पर शहर की प्रमुख सड़कें, चौराहों पर सक्रिय भिक्षुकों और घुमक्कड़ जाति के भिक्षुक इस पर दाग लगा रहे हैं। इसी बीच भिक्षुकों ने अब नया तरीका अपना लिया है। अब वे हाथ में छोटे-छोटे सामान बेचने के नाम पर लोगों से भिक्षा मांग रहे हैं। नौलखा चौराहे पर भिक्षुक दादागिरी करते हैं, भिक्षा नहीं देने पर दुर्व्यवहार करते हैं। जब उन्हें पुलिस के पास ले जाने की धमकी दी जाती है, तो वह खुद कहते हैं कि चलो पुलिस के पास कोई बात नहीं। भिखारी अब इतने निर्भीक हो गए हैं कि उन्हें न तो प्रशासन का डर है ना ही शहर के सम्मानिय नागरिकों का।

प्रमुख चौराहों पर तेजी से बढ़ रहे भिक्षुक

वैसे शहर में लंबे समय से विभिन्न चौराहा, शास्त्री ब्रिज, राजबाड़ा, शॉपिंग मॉल्स के बाहर, धर्मस्थलों पर भिक्षुकों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। चौराहों पर तो कई बार वाहन चालकों से विवाद भी हो चुके हैं। इनमें बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक शामिल हैं। शहर के प्रमुख क्षेत्र राजबाड़ा, गांधीनगर, सुदामा नगर, भंवरकुआं, पलसीकर, विजय नगर, पलासिया, अन्नपूर्णा जैसे इलाके भी इन भिक्षुकों की जबरदस्ती से परेशान है।

रात को भी सक्रिय रहते हैं भिखारी

स्मार्ट सिटी में रात को भी भिखारियों की टोली सक्रिय नजर आने लगी है। सत्य सांई चौराहा, विजय नगर चौराहा, एलआईजी चौराहा से लेकर पूरे बीआरटीएस सहित अन्य क्षेत्रों में ये टोली सक्रिय है। सरवटे इलाके में रात को ये भिखारी सड़क किनारे ही गंदगी फैलाते रहते हैं। कई चौराहों पर तो ये शराब पीकर विवाद करते दिखाई देते हैं। कुछ दिनों पहले इन्हें यहां से हटाया गया था, लेकिन इन्होंने पटेल ब्रिज के नीचे फिर से आतंक मचाना शुरू कर दिया है।

कई चौराहों पर घेर लेते हैं बच्चे

ट्रैफिक सिग्नल पर रुकने वाली वाहन चालक महिलाओं पर बच्चे घेरकर कर भिक्षा के लिए दबाब बनाते हैं। पटेल ब्रिज से गुजरने वाले और सरवटे इलाके में आने वाले तो इनकी दादागिरी से परेशान हैं। किसी भी होटल से निकलने वालों को ये भिखारी घेर लेते हैं और जबरन पैसे मांगते हैं। पैसा नहीं मिलने तक ये रास्ता नहीं छोड़ते। बच्चों के साथ-साथ वयस्क भी भिक्षा मांगते दिखाई देते हैं। कई भिक्षुक तो दिव्यांग होने का नाटक करते हैं। कुछ तो चौराहे पर पेन या टूथपिक्स बेचने के बहाने भिक्षा मांग रहे हैं।

माता-पिता ही करवाते हैं वारदात

भिक्षा मांगने की आड़ में चोरी करने वाले भी पहले कई बार पकड़े जा चुके हैं। भिक्षा मांगने वाले बच्चों के किसी भी विवाह समारोह में घुसकर गिफ्ट और नकदी चुराने के मामले तो आएदिन सामने आते रहते हैं। इस तरह के बच्चों के माता-पिता ही उनसे वारदात करवाते हैं ये दिन में भीख मांगते हैं और रात को वारदात कर गायब हो जाते हैं।

चार हजार से अधिक हैं भिखारी

सूत्रों की माने तो निगम द्वारा जुटाए आंकड़ों की के अनुसार शहर में फिलहाल 4 हजार से अधिक भिक्षुक आजीविका चला रहे हैं, जो अलग-अलग तरीके से भिक्षा मांगते हैं। शहर में कई इलाके तो ऐसे हैं, जहां शनिवार की सुबह बाल्टी, शनि की प्रतिमा और सरसों का तेल किराए पर मिल जाता है। शहर समेत बाहर से आए हुए ये लोग दिनभर भिक्षा मांगते हैं, वापस लौटते समय बाल्टी, शनि प्रतिमा और सरसों तेल को वापस जमा करके उसका किराया देकर चले जाते हैं। जांच में तो यह तक सामने आया कि, कई लोग तो ऐसे भी हैं, जो सप्ताहभर कोई ओर काम करते हैं, लेकिन शनिवार को ये सामान किराए पर लेकर शनि के नाम पर भिक्षा मांगते हैं। इनकी बढ़ती संख्या को देखकर तो ऐसा लगता है कि शहर पर अब बाहरी भिक्षुकों की गैंग ने कब्जा कर लिया है।

ये भी पढ़ें...
क्रिकेट लाइव स्कोर
स्टॉक मार्केट