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ओमिक्रॉन से युवाओं को ज्यादा खतरा! एयरपोर्ट पर 11 देशों से आने वाले यात्रियों की जांच शुरू

नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गुरुवार को कहा कि कोविड-19 का नया वेरिएंट ओमिक्रॉन देशों के लिए हानिकारक है और और पूरी दुनिया को इससे बचने की जरुरत है। लोकसभा में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हम पिछले 6 महीने से ज्यादा समय से धीरे-धीरे विमानों का परिचालन बढ़ा रहे थे। इसमें अंतरराष्ट्रीय उड़ानें भी शामिल थीं। ओमिक्रॉन दुनिया के सभी देशों के लिए नुकसान लेकर आया है। हम सभी को इससे सुरक्षित रहने की जरुरत है। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि हमारी सरकार ने खतरे वाले 11 देशों की सूची बनाई है। आपको बता दें कि भारत में 15 दिसंबर से अंतरराष्ट्रीय कमर्शियल उड़ानें शुरू होने वाली थीं, लेकिन डीजीसीए ने एक बयान जारी कर कहा कि ओमिक्रॉन को देखते हुए डीजीसीए अपने पुराने फैसले की फिर से समीक्षा करेगा।

ओमिक्रॉन को लेकर पूरा विश्व सतर्क

नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि कोरोना वायरस के नए स्वरूप ‘ओमिक्रॉन’ के खतरे की आशंका को देखते हुए ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका और इजरायल समेत 11 देशों से आने वाले लोगों की हवाई अड्डों पर जांच शुरू की गई है। लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान मनीष तिवारी, चिंता अनुराधा और कुछ अन्य सदस्यों के पूरक प्रश्नों के उत्तर में सदन को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि ओमिक्रॉन को लेकर पूरा विश्व सचेत हो चुका है। 31 देशों के साथ अंतरराष्ट्रीय हवाई यातायात समझौता (एयर बबल एग्रीमेंट) हैं, 10 देशों के साथ समझौते का प्रस्ताव है…हमें स्वास्थ्य और परिवहन सेवा की सुविधा के बीच संतुलनक बनाकर रखना होगा। सिंधिया ने बताया कि ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका, इजरायल समेत 11 देशों से आने वाले लोगों की हवाई अड्डों पर स्वास्थ्य जांच की सुविधा शुरू की गई है। उन्होंने कहा कि 11 देशों को जोखिम के पैमाने पर रेखांकित किया गया। इसकी जांच कल शुरूआत हो गई। विभिन्न हवाई अड्डों पर कल विदेश से आने वाले साढ़े पांच हजार लोगों की जांच की गई। सिंधिया ने कहा कि कोविड के माहौल में मार्च, 2020 में विश्व भर में आवागमन की सुविधाएं बंद की गई थी। सात मई को वंदे भारत की सुविधा शुरू की गई। अब तक 1.83 करोड़ लोग इस सुविधा के जरिये वापस आए और यहां से अपने घर वापस जा सके। दक्षिण अफ्रीका में अनुसंधानकतार्ओं ने 24 नवंबर को कोविड-19 के नए स्वरूप ओमिक्रॉन(बी.1.1.529) की पहचान की और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने दो दिन बाद इसे ‘चिंता वाला स्वरूप’ करार दिया। ओमिक्रॉन कोरोना वायरस के स्वरूप के मामले में बेहद अलग है, क्योंकि यह अब तक सार्स-सीओवी-2 का सबसे ज्यादा बदला हुआ स्वरूप है।

20 से अधिक देशों में फैला

कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन ने एक बार फिर दुनिया में सनसनी फैला दी है। 20 से अधिक देशों में इसके मामले पाए जाने की पुष्टि हुई है। इस नए वेरिएंट के मामले में दक्षिण अफ्रीका के वैज्ञानिकों का कहना है कि ओमिक्रॉन कितना घातक है और इसका लोगों पर क्या प्रभाव पड़ेगा, फिलहाल यह कहना मुश्किल है। उन्होंने कहा कि कोरोना के नए वेरिएंट ने अब तक ज्यादातर युवा लोगों को प्रभावित किया है। वैज्ञानिकों ने यह भी चेतावनी दी है कि अभी यह निर्धारित करना जल्दबाजी होगी कि ओमिक्रॉन केवल हल्की बीमारी का कारण बनेगा। उन्होंने आगे कहा कि हम इसके बारे में और अधिक जानकारी जुटा रहे हैं। दो से तीन हफ्तों के बाद ही हम इसके बारे में अधिक जान पाएंगे।

उन्होंने कहा कि कुछ मरीज भर्ती हुए हैं और ये सभी युवा हैं, जिनकी आयु 40 या इससे कम है। उधर, एनआईसीडी में सार्वजनिक स्वास्थ्य निगरानी और प्रतिक्रिया के प्रमुख मिशेल ग्रोम का कहना है कि कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन का शिकार ज्यादातर कम उम्र के लोग हुए हैं। मगर हम वृद्धावस्था समूहों में भी इसकी पड़ताल करना शुरू कर चुके हैं। इससे पहले नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर कम्युनिकेबल डिजीज ने कहा था कि पिछले 24 घंटों में दक्षिण अफ्रीका में नए मामलों की दैनिक संख्या लगभग दोगुनी होकर 8,561 हो गई है। ओमिक्रॉन अब तक देश में प्रमुख स्ट्रेन है। दक्षिण अफ्रीकी सरकार और वैज्ञानिकों ने 25 नवंबर को कोरोना के नए वेरिएंट की घोषणा की थी। इसके बाद डब्ल्यूएचओ ने इसे ओमिक्रॉन का नाम दिया था। नए वेरिएंट का पता लगने के बाद अमेरिका, यूरोपीय संघ, कनाडा, इस्राइल, ऑस्ट्रेलिया और अन्य देशों ने कई दक्षिण अफ्रीकी देशों से यात्रा पर रोक लगा दी थी। वहीं, कुछ देशों ने दक्षिण अफ्रीका से आने वाली उड़ानों पर प्रतिबंध लगा दिया है।

दक्षिण अफ्रीका में 400 फीसदी बढ़ा संक्रमितों का आंकड़ा

कोविड के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन की पहचान के बाद से दक्षिण अफ्रीका में कोविड से संक्रमण के मामलों में 403 फीसदी की भयानक वृद्धि हुई है। इसके अलावा संक्रमण दर भी 10 फीसदी के पार हो गई है। वहीं, अस्पताल में भर्ती होने वाले लोगों में 87 फीसदी को टीका नहीं लगा है। दक्षिण अफ्रीका के शीर्ष महामारी विशेषज्ञ अब्दुल-करीम ने बताया कि सप्ताह के अंत तक 10,000 से अधिक दैनिक संक्रमण के मामले सामने आ सकते हैं, जिससे अगले दो से तीन सप्ताह में अस्पतालों पर भारी दबाव पड़ सकता है। उन्होंने वायरस के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए भीड़ भरे आयोजनों को रोकने की सलाह देते हुए कहा कि सुपर-स्प्रेडिंग की स्थिति हालात को नियंत्रण से बाहर कर सकती है।

दक्षिण अफ्रीका की प्रमुख वायरोलॉजिस्ट टुलियो डी ओलिवेरा ने यात्रा प्रतिबंध लगाने वाले देशों की अलोचना करते हुए कहा कि संक्रमण में हो रही भयानक वृद्धि से लोगों को बचाने के लिए यात्रा प्रतिबंध नहीं, बल्कि ज्यादा से ज्यादा लोगों टीकाकरण प्रभावी उपाय है। उन्होंने कहा कि मौजूदा वैक्सीन नए वेरिएंट से भी सुरक्षा में मददगार होंगी। दक्षिण अफ्रीका में मंगलवार को 4,473 नए मामले दर्ज किए, जो पिछले मंगलवार को दर्ज किए गए 868 मामलों की तुलना में 403 फीसदी अधिक हैं, जबकि बुधवार के 2,273 मामलों की तुलना में 92 फीसदी अधिक हैं। एक तरफ दुनियाभर के देश ओमिक्रॉन की दहशत से यात्रा प्रतिबंध लगा रहे हैं। फिजी ने अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, ब्रिटेन सहित कई देशों के टीका लगवा चुके लोगों के लिए यात्रा की अनुमति दी है। फिजी के पर्यटन मंत्री फैयाज कोया ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय आगंतुकों के स्वागत का इंतजार करते हुए दो वर्षों में, हमने बहुत संघर्ष किया है।

वहीं, जापानी एयरलाइंस एएनए और जेएएल ने कहा कि वे दिसंबर के अंत तक अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए नए आरक्षण रद कर रहे हैं। नाइजीरिया में अक्टूबर में ही आ चुका था ओमिक्रॉन…नाइजीरिया के राष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थान ने बुधवार को बताया कि नाइजीरिया में अक्तूबर में जमा किए गए नमूने में से एक के ओमिक्रॉन से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। 24 नवंबर को दक्षिणी अफ्रीकी में पहचान के बाद से यह वैरिएंट 20 से ज्यादा देशों में फैल चुका है। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक 28 नवंबर तक 56 से ज्यादा देशों ने ओमिक्रॉन के डर से यात्रा नियम सख्त किए हैं। अमेरिका में यात्रा नियमों को सख्त करते हुए आगमन पर यात्रियों की कठोर कोविड जांच का फैसला किया है। वहीं, जापान और हांगकांग ने यात्रा प्रतिबंधों बढ़ा दिए हें। जबकि, मलेशिया ने जोखिम वाले देशों से यात्रियों के आगमन रोक दिया है। डब्ल्यूएचओ ने कहा हड़बड़ी में यात्रा प्रतिबंध लगाना गलत…डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस अदनोम घेब्येयियस ने कहा कि वे चिंतित हैं कि कई देश आंखें बंद कर यात्रा प्रतिबंध लगा रहे हैं, जो असमानताओं को बढ़ाते हुए हालात को खराब करेगा। फिलहाल, एकजुट होकर तर्क व तथ्यों के आधार पर फैसलों की जरूरत है।

गंभीर बीमारी से बचा सकती है वैक्सीन

ज्यादातर विशेषज्ञ इस बात पर सहमत हैं कि मौजूदा वैक्सीन भले ही ओमिक्रॉन के खिलाफ पूरी सुरक्षा नहीं दे पाए, लेकिन ये किसी भी वेरिएंट से होने वाले संक्रमण से व्यक्ति को गंभीर रूप से बीमार होने से बचा सकती हैं। ब्रिटेन-जापान में बूस्टर डोज पर जोर जापान व ब्रिटेन ने 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों को बूस्टर डोज देने का फैसला किया है। वहीं, आॅस्ट्रिया ने 11 दिसंबर तक लॉकडाउन बढ़ाने का फैसला किया है।

24 देशों तक फैल गया नया वेरिएंट

जेनेवा। दुनिया भर के विभिन्न देशों में कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वेरिएंट का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। अब तक 24 देशों में ओमिक्रॉन वेरिएंट के केस देखने को मिल चुके हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के प्रमुख टेड्रोस अधनोम घेब्रेसियस ने कहा है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के 6 में से पांच क्षेत्रों से अब तक 23 देशों से ओमिक्रॉन वेरिएंट के मामले सामने आ गए हैं। डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस अधनोम ने यह भी आशंका जताई है कि यह वेरिएंट अभी कहीं ज्यादा देशों में फैलेगा। वहीं, संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुतारेस ने कहा कि नए कोरोना वेरिएंट के मद्देनजर अंतरराष्ट्रीय यात्रा पाबंदी लगाना गलत और अप्रभावी है। ओमिक्रॉन के बारे में अभी तक यह माना जा रहा था कि यह सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में 24 नवंबर को सामने आया। नीदरलैंड और कुछ अन्य देशों में मिले मामलों से ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि यह वेरिएंट दक्षिण अफ्रीका से बहुत पहले ही यूरोप में पहुंच गया था। यही सबसे बड़ी चिंता का कारण है, क्योंकि यात्रा पाबंदियां अफ्रीकी देशों को लेकर लगाई जा रही हैं। यूरोप के देशों से यह अब तक कहां-कहां तक पहुंच चुका है, इसका अभी तक पता नहीं चला है।

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