Mradhubhashi
Search
Close this search box.

Monsoon 2021: नीम के पेड़ से उत्तम वर्षा का तो बबूल से मिलते हैं कम बारिश के संकेत

Monsoon 2021: कुदरत ने हमको अनेक अनमोल सौगातें दी है। पेड़-पौधे, लता, फल-फूल, पशु-पक्षी इत्यादि बेशकीमती रत्नों से इस धरती को संवारा है। प्रकृति की इस नायाब रचना के ये सभी अहम अंग है और इन सभी की मौजूदगी से धरती के वातावरण में पर्यावरण का संतुलन कायम रहता है और धरती पर जनजीवन सुचारू रूप से चलता रहता है। पृथ्वी की ये सजीव संरचनाए ऋतुओं की जानकारी देने का विस्मयकारी और विशेष कार्य भी करती है। ग्रामीण परिवेश के लोग इनकी गतिविधियों और इनमें आए परिवर्तनों को देखकर मौसम का सटीक अंदाजा लगा लेते हैं।

पौधे देते हैं बारिश के संकेत

ऐसा माना जाता है कि गोल्डन शावर नाम के पेड़ में फूल आने के 45 दिन के अंदर बारिश का दौर शुरू हो जाता है। नीम के पेड़ से वर्षा का अंदाजा लगाया जाता है। यदि नीम का पेड़ फूलों से भर जाए, तो इसे उत्तम बारिश का संकेत माना जाता है। इसकी तरह भिलावन के पेड़ पर बहार आना शुभ शकुन नहीं माना जाता है यह सूखे का संकेत देता है। बबूल और शमी के वृक्षों पर फूलों का खिलना कम वर्षा का संकेत माना जाता है। इसी तरह जब लताओं के तंतु सीधे खड़े हो जाएं अर्थात लता से नब्बे अंश का कोण बना ले को इसको उत्तम वर्षा का संकेत माना जाता है।

वादली पक्षी पहचानता है बारिश की आहट

समुद्र के किनारों पर रहने वाले मछुआरे समुद्री जीव-जंतुओं का अध्ययन कर बारिश का अंदाजा लगा लेते हैं। बारिश से पहले वादली पक्षी किनारे की ओर आने लगते हैं। इन संकेतों को समझकर अपनी मछुआरे अपनी नावें, जहाज समुद्र में नहीं ले जाते हैं। मछलियां भी वर्षा के संकेत देती हैं। बारिश की आहट होने पर समुद्र की मछलियों में हलचल शुरू हो जाती है। उनके क्रिया-कलापों में अचानक परिवर्तन आ जाता है और वे समुद्र में ऊंची छलांगे मारने लगती हैं।

मछलियों से मिलते हैं मॉनसून के संकेत

पहली बारिश की बूंदों के बरसने के बाद जब नदी-नालों और तालाबों का पानी समुद्र में आकर मिलता है तो ये मछलियां उस पानी में छलांग मारने लगती हैं और प्रवाह के विपरीत दिशा में तैरने की कोशिश करती हैं। पहा़डों से बहने वाली नदियों के पानी में वे अंडे देती हैं और वापस समुद्र में चली जाती हैं। यह मछलियों का नैसर्गिक जीवन चक्र है। इसका जब सूक्ष्म तरीके से निरीक्षण किया गया तो यह निष्कर्ष निकला कि इन अंडों से जब मछलियों के बच्चे बाहर निकलते हैं तो वे समुद्र की दिशा में तैरने लगते हैं और वह समय होता है बारिश खत्म होने का, अर्थात उत्तरा नक्षत्र का। अत: बारिश कब शुरू होगी और खत्म होगी इसका अनुमान मछलियों के जीवन क्रम से लगता है।

ये भी पढ़ें...
क्रिकेट लाइव स्कोर
स्टॉक मार्केट