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ऑटो ड्राइवर के बेटे से भारतीय टीम के स्टार गेंदबाज बनने तक का मोहम्मद सिराज का सफर

मोहम्मद सिराज

वैष्णवी मावर. हर क्रिकेटर के पिता का सपना का होता है कि वह अपने बेटे को भारतीय टीम के लिए खेलता हुए देखे, लेकिन कुछ ही पिता अपने बेटे को मैदान पर भारतीय टीम के लिए खेलते देख पाते हैं। कुछ ऐसी ही कहानी भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज की है। जिनके पिता मोहम्मद गोस ने अपने बेटे के सपने को पूरे करने के लिए दिन-रात लगातार मेहनत की। लेकिन वे आकस्मिक निधन के कारण अपने बेटे को सफेद रंगों में भारतीय टीम के लिए क्रिकेट खेलते हुए नहीं देख पाए। मोहम्मद सिराज का हाल ही में हुए टेस्ट चैंपियनशीप में चयन तो हुआ था, लेकिन उन्हें न्यूजीलैंड के सामने खेलने का मौका नहीं मिल पाया।

गरीब परिवार में हुआ था जन्म

मोहम्मद सिराज का जन्म 13 मार्च 1994 को हैदराबाद में हुआ। मोहम्मद सिराज का परिवार बहुत गरीब था। सिराज के पिता मोहम्मद गोस हैदराबाद में ऑटो चालक थे। वे ऑटो चलाकर अपने परिवार को पालते थे। सिराज ने 7 साल की उम्र से क्रिकेट खेलना शुरू किया। सिराज के पिता ने तंगी के बावजूद अपने बेटे के लिए एक महंगी क्रिकेट किट खरीद कर उन्हें दी। सिराज ने स्कूल खत्म होने के बाद लगातार क्रिकेट प्रैक्टिस जारी रखी।

किक्रेट से पहली कमाई हुई थी 500 रूपये

सिराज ने एक साक्षात्कार में बताया था कि सिराज ने क्रिकेट से अपनी पहली कमाई 500 रूपये की थी। एक क्लब क्रिकेट मैच में सिराज ने 20 रन देकर 9 विकेट लिए थे। उस मैच में सिराज के मामा उनकी टीम के कप्तान थे। सिराज के मामा ने उनके प्रदर्शन से खुश होकर उन्हें 500 रूपये बतौर इनामी राशि दी। इसके बाद सिराज ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

रणजी के पहले सीजन में लिए 41 विकेट

धीरे-धीरे सिराज की मेहनत रंग लाई। साल 2016-17 क्रिकेट सीजन में उन्हें रणजी ट्राफी में हैदराबाद की टीम में चुना गया। सिराज ने इस मौके को खूब भुनाया और टूर्नामेंट में हैदराबाद की ओर से खेलते हुए 9 मैच में 41 विकेट लेकर टूर्नामेंट के तीसरे सबसे सफल तेज गेंदबाज बने।

आईपीएल में 2.6 करोड़ रुपये में बिके

रणजी ट्रॉफी में शानदार प्रदर्शन का फल उन्हें आईपीएल में भी मिला। आईपीएल के 10वें सीजन में 20 लाख की बेस प्राईज वाले सिराज को 2.6 करोड़ रुपये में हैदराबाद की टीम ने खरीदा। सिराज को आईपीएल में 6 मैच में खेलने का मौका मिला जिसमें उन्होंने 10 विकेट चटकाए।

23 की उम्र में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण

इसके बाद साल 2017 में ही न्यूजीलैंड के खिलाफ 3 टी-20 मैच की सिरीज़ में उन्हें चुना गया। सीरीज़ के दूसरे मुकाबले में आशीष नेहरा की जगह उन्हें चुना गया। सिराज 23 साल की उम्र में भारतीय क्रिकेट टीम के पदार्पण किया। इस मैच में राष्ट्रगान के समय मोहम्मद सिराज भावुक हो गए और उनकी आंखों से आंसू छलक निकले। सिराज ने इस मैच में 1 विकेट लिया। सिराज ने अब तक भारतीय टीम की और से 3 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच खेले है, जिसमें सिराज ने 3 विकेट चटकाए है। साल 2018 में सिराज को 2.6 करोड़ रुपये में विराट कोहली की टीम आरसीबी ने खरीदा। इसके बाद सिराज और भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली के बीच खास संबंध बना गया । इसके बाद कई बार मोहम्मद सिराज को वन डे के लिए भारतीय दल में चुना गया। लेकिन साल 2019 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उन्हें पदार्पण करने का मौका मिला। लेकिन सिराज को इस मैच में कोई सफलता नहीं मिली।

पिता के निधन बावजूद भी नहीं छोड़ा टीम का साथ

सिराज के पिता का सपना था कि वे अपने बेटे को सफेद रंगों में भारतीय टीम के लिए टेस्ट क्रिकेट खेलता देखे। लेकिन साल 2020 नंबवर में सिराज के पिता मोहम्मद गोस का निधन हो गया। जब सिराज के पिता का निधन हुआ तब सिराज भारतीय टीम के साथ ऑस्ट्रेलिया दौर पर थे। पिता के निधन के बाद भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने उन्हें भारत आने की मंजूरी दे दी। लेकिन सिराज ने अपने पिता के सपने को पूरा करने के लिए भारतीय टीम के साथ रहना चुना।

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 4 टेस्ट मैचों की सिरीज के दूसरे टेस्ट मैच में चोटिल मोहम्मद शमी की जगह उन्हें टीम में चुना गया। इस सीरीज में टीम इंडिया 1-0 से पीछे चल रही थी। इस मैच में मोहम्मद सिराज ने 5 विकेट चटकाएं। मैच में भारतीय टीम ने जीत दर्ज की और सीरीज को 1-1 से बराबर किया। सीरीज का तीसरा मैच सिडनी में खेला गया। इस मैच में सिराज पर नस्लभेद टिप्पणी भी की गई। लेकिन सिराज ने इन टिप्पणीयों का जबाव अपने प्रदर्शन से दिया। सीरीज का यह तीसरा टेस्ट मैच ड्रॉ रहा।

करियर के तीसरे टेस्ट में किया भारतीय गेंदबाजी का नेतृत्व

इसके बाद सीरीज़ का चौथा और अंतिम टेस्ट ब्रिस्बेन के गाबा में खेला गया। इस मैच के पहले भारतीय टीम चोट के कारण बुमराह, शमी और आश्विन जैसे सभी खिलाड़ियों को खो चुकी थी। सीरीज़ का अंतिम मैच और अपने करियर के तीसरे अंतरराष्ट्रीय टेस्ट में सिराज के हाथों में भारतीय गेंदबाजी का दारोमदार था। इस मैच के पहले भारतीय गेंदबाजों पास मात्र 4 टेस्टों का अनुभव था। सिराज इस गेंदबाजी अटैक के लीडर थे।

सिराज ने अपनी टीम के गेंदबाजी अटैक का बखूबी नेतृत्व किया। सिराज ने मैच की तीसरी और ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी में 5 विकेट चटकाएं। इन 5 विकेटों में वॉर्नर, स्मिथ जैसे बड़े विकेट भी शामिल थे। इन विकेटों के कारण मैच भारतीय टीम की पकड़ में आया गया। मैच के अंतिम दिन भारत 327 रनों का पीछा कर 3 विकेट से इस मैच में एक ऐतिहासिक जीत दर्ज की। सिराज ने 3 टेस्ट में 13 विकेट हासिल किए। वे भारत की ओर से सीरीज में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज रहे।

स्वदेश लौटने के बाद सबसे पहले गए पिता की कब्र पर

इस मैच में शानदार प्रदर्शन के लिए दुनियाभर के क्रिकेट दिग्गजों ने सिराज की गेंदबाजी की तारीफ और कहा कि वे आगे जाकर भारतीय टीम के बड़े तेज गेंदबाज बन सकते है। सीरीज खत्म होने के बाद सिराज भारत लौटे। घर लौटने पर सिराज सबसे पहले अपने पिता की कब्र पर गए और उन्हें श्रध्दांजलि अर्पित की। उनके इस भावपूर्ण क्षण की पूरी दुनिया ने तारीफ की।

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