वाराणसी। कोरोना की दूसरी लहर में अपराधियों ने लोगों की जान से खिलवाड़ किया और नकली रेमडेसिवीर इंजेक्शन मरीजों के परिजन को बेच दिए। अब अपराधी नकली कोरोना वैक्सीन बनाने लगे हैं। ऐसे में सभी को सतर्क हो जाने की जरूरत है।
दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में एसटीएफ ने नकली कोरोन वैक्सीन और कोरोना टेस्ट किट बिक्री का खुलासा किया है। एसटीएफ ने नकली कोविशिल्ड और जेडवाई कोविड की बड़ी खेप बरामद की है। देश में पहली बार नकली कोरोना वैक्सीन की इस तरह की खेप पकड़ी गई है। एसटीएफ के अपर पुलिस अधीक्षक विनोद सिंह ने बताया कि करीब चार करोड़ रुपए का माल बरामद किया गया है।
पांच लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है। नई दिल्ली निवासी लक्ष्य जावा की एक कंपनी के जरिये यूपी और अन्य प्रदेशों में इसकी सप्लाई होती थी। बताया जा रहा है कि अब तक लाखों वैक्सीन की डोज बेची जा चुकी है। ऐसे में आशंका है कि लोगों को बड़े पैमाने पर नकली कोरोना वैक्सीन लोगों को लगा दी गई है। एसटीएफ ने जितनी वैक्सीन जब्त की है उससे एक लाख 60 हजार लोगों का टीकाकरण हो सकता था। यह खबर ऐसे समय में आई है जब दक्षिण अमेरिकी देश इक्वाडोर में भी लगभग 70000 लोगों को नकली कोरोना वैक्सीन लगाने के मामले का खुलासा हुआ है।
सिर्फ डिस्टिल वॉटर भरते थे
वाराणसी के रोहित नगर में बीते 6 माह से 3 कमरे के मकान में कोरोना की नक्सली वैक्सीन और टेस्टिंग किट बना कर सप्लाई की जा रही थी। एक पुलिसकर्मी ने बताया कि देखने में ऐसा लग रहा है कि जैसे कि नकली वैक्सीन के अंदर यह सभी सिर्फ डिस्टिल वॉटर ही भरते थे। बरामद वैक्सीन, टेस्टिंग किट और स्वाब स्टिक की जांच के लिए विधि विज्ञान प्रयोगशाला भेजा जाएगा।
छापेमारी कर पांच को किया गिरफ्तार
नकली वैक्सीन एवं नकली कोविड टेस्टिंग किट बड़े पैमाने पर बनाए जाने के इनपुट के आधार पर एसटीएफ फील्ड यूनिट वाराणसी की ओर से लंका के रोहित नगर में छापेमारी की गई। यहां से सिद्धगिरी बाग के धनश्री कॉम्प्लेक्स निवासी राकेश थवानी, चौक के पठानी टोला निवासी संदीप शर्मा, नई दिल्ली के मालवीय नगर निवासी लक्ष्य जावा, बलिया के रसड़ा निवासी शमशेर, लहरतारा के बौलिया निवासी अरुणेश विश्वकर्मा को गिरफ्तार कर लिया गया।
नकली कोविशील्ड और जाइकोव डी
आरोपियों के पास से नकली टेस्टिंग किट, नकली कोविशील्ड वैक्सीन, नकली जाइकोव डी वैक्सीन, पैकिंग मशीन, खाली वायल, स्वाब स्टिक बरामद किया गया।
मप्र को भी सतर्क हो जाने की जरूरत
-पूछताछ में मुख्य आरोपी और इस काले कारोबार के मास्टरमाइंड राकेश थवानी ने बताया कि वह संदीप शर्मा, अरुणेश विश्वकर्मा व शमशेर के साथ मिलकर नकली वैक्सीन व टेस्टिंग किट बनाता था। -यह नकली वैक्सीन और कोरोना जांच किट्स की आपूर्ति गैंग के सदस्य नई दिल्ली निवासी लक्ष्य जावा को कर देते थे।
-लक्ष्य जावा की इस जानलेवा नकली वैक्सीन और नकली कोरोना किट को अस्पतालों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी थी।
– लक्ष्य देश के तमाम राज्यों में इस खतरनाक नकली मटीरियल की सप्लाई अपने पहले से तय अड्डों पर करता था। ऐसे में मप्र को लेकर भी सतर्क हो जाने की जरूरत है।
कोर्ट में पेश होगा नकली माल
एडीजी, एसटीएफ अमिताभ यश ने बताया कि इस सभी नकली वैक्सीन और कोरोना टेस्ट किट्स को सील कर लिया गया है, जिसे आरोपियों को सजा दिलाने के दौरान कोर्ट में बतौर माल-जब्ती पेश किया जाएगा, ताकि मुलजिमों को मुजरिम करार दिलवाकर उन्हें अधिकतम सजा दिलवाई जा सके।
पूछताछ जारी
देश में इस तरह से कोरोनारोधी नकली वैक्सीन बनाने के अड्डे का भांडाफोड़ होने का शायद यह पहला बड़ा मामला भी साबित हो सकता है। जो लोग गिरफ्तार किए गए हैं उन ठगों से आगे की लंबी पूछताछ किया जाना अभी जारी है।
निजी अस्पतालों में भेजी जा रही थी
ड्रग लाइसेंस अथारिटी के सहायक औषधि आयुक्त केजी गुप्ता ने बताया कि प्रथम दृष्टया यह वैक्सीन नकली पाई गई हैं, जो कुछ निजी अस्पतालों में सप्लाई की जा रही थी। आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की कार्रवाई जा रही है।
-केजी गुप्ता, सहायक औषधि आयुक्त, ड्रग लाइसेंस अथॉरिटी
-6 माह से 3 कमरे के मकान में बन रही थी नकली वैक्सीन
-04 करोड़ रुपए है जब्त की गई वैक्सीन की कीमत
-01 लाख 60 हजार लोगों का टीकाकरण हो सकता था
-70 हजार लोगों को इक्वाडोर में लग चुकी है नकली वैक्सीन