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मनसुख हिरेन को राज खुलने के डर से मौत के घाट उतारा था, ऐसे रची थी साजिश

मुंबई। ATS ने मुकेश अंबानी के घर के पास मिली विस्फोटक से भरी स्कॉर्पियो के मालिक मनसुख हिरेन की हत्या के मामले की गुत्थी को सुलझाने का दावा किया है। इस मामले में आतंकवाद निरोधक दस्ते ने 2 लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों में एक मुंबई पुलिस का निलंबित सिपाही और दूसरा क्रिकेट बुकी है।

दो आरोपी हुए गिरफ्तार

ATS के पुलिस उपायुक्त राजकुमार शिंदे के मुताबिक आरोपियों के नाम 51 साल का निलंबित सिपाही विनायक बालासाहेब शिंदे और 31 साल का क्रिकेट बुकी नरेश रमणिकलाल गोरे हैं। आरोप है कि ये दोनों निलंबित सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वझे के साथ मनसुख की हत्या में शामिल थे। ATS इस मामले में ATS सचिन वझे को सूत्रधार मान रही है। ATS ने मृतक मनसुख की पत्नी विमला हिरेन की शिकायत पर हत्या का मामला दर्ज किया था। इस मामले में कुछ और पुलिसकर्मियों के शामिल होने की संभावना है। हालांकि कहा यह भी जा रहा है कि मनसुख की हत्या के वक्त सचिन वझे मौके पर मौजूद नहीं थे।

सचिन वझे ने रची साजिश

ATS सूत्रों के मुताबिक, अंबानी के घर के बाहर विस्फोट से भरी स्कॉर्पियो पार्क करने की साजिश का ताना-बाना सचिन वझे ने रचा था और इसका मुख्य गवाह मनसुख था। मृतक मनसुख ने वझे को इस पूरी साजिश में मदद की थी। वझे ने राज खुलने के डर से मनसुख की हत्या की योजना बनाई और 4 मार्च की को निलंबित सिपाही विनायक शिंदे के जरिए मनसुख को बुलाया गया। उसके बाद मनसुख का मुंह और हाथ बांधकर उसे जिंदा ही खाड़ी में फेंक दिया गया। यह भी पता चला है कि वझे के कहने पर ही मनसुख ने 18 फरवरी को विक्रोली पुलिस स्टेशन में अपनी स्कॉर्पियो चोरी होने की शिकायत दर्ज करवायी थी।

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