मुंबई। ‘तेरी मिट्टी में मिल जावां’, ‘तेरी गलियां’, ‘कौन तुझे यूं प्यार करेगा’ जैसे गानों को अपनी कलम से सजाने वाले गीतकार, शायर, संवाद लेखक मनोज मुंतशिर हमेशा विवादों से घिरे रहते है। ऐसे ही मनोज का नाम भी कई बार बहस का कारण बन जाता है, मनोज का असली नाम मनोज शुक्ला है, कई लोगों का मानना है की उन्होंने धर्म परिवर्तन कर अपना नाम मुंतशिर किया है। आइये जानते है इसकी सच्चाई।
मनोज मुंतशिर को बचपन से ही लिखने का शौक था। अपने लेखन को बेहतर बनाने के लिए मनोज कई कवियों की किताबें भी पढ़ा करते थे। सातवीं-आठवीं कक्षा में उन्होंने दीवान-ए-ग़ालिब किताब पढ़ी, लेकिन उर्दू नहीं आने की वजह से उन्हें कुछ समझ नहीं आया। फिर एक दिन मस्जिद के नीचे से मनोज मुंतशिर ने 2 रुपए की उर्दू की किताब खरीदी और उर्दू की तालीम हासिल की।
एक साक्षात्कार के दौरान मनोज मुंतशिर बताते हैं कि ‘साल 1997 की सर्द रात में मैं अपने घर से चाय की तलाश में एक टपरी पर पहुंचा। उस टपरी पर रेडियो बज रहा था और उस पर पहली बार एक शब्द सुना “मुंतशिर”। यह शब्द और मनोज के साथ इसका जुड़ाव मुझे बेहद पसंद आया। चाय की आखिरी चुसकी तक मैंने अपना नाम मनोज शुक्ला से मनोज मुंतशिर करने की ठान ली थी। लेकिन समस्या यह थी कि पिताजी को इस बात के लिए कैसे मनाऊं। रात भर सोचने के बाद मैंने एक तरकीब निकाली और घर के नेम प्लेट पर मनोज मुंतशिर लिखवा लिया। नेम प्लेट देखकर पिता गुस्सा हो गए उन्हें लगा की मैंने अपना धर्म परिवर्तन करवा लिया है। घर पर मातम छा गया। इसी के साथ मनोज अपने कई इंटरवियु में कह चुके है की उन्होंने बस अपना नाम बदला है मज़हब नहीं।