यूट्यूबर मनीष कश्यप को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार आर्थिक अपराध इकाई यानि EOU की पूछताछ में मनीष कश्यप ने खुलासा किया कि बिहार के बड़े नेता उसकी मदद कर रहे थे। तमिलनाडु प्रकरण में जिस तरह के फर्जी वीडियो उसने वायरल किए थे, उसके पीछे किन लोगों ने साथ दिया? इन सारे सवालों का जवाब जवाब मनीष कश्यप ने दिया है। सूत्रों के अनुसार मनीष कश्यप ने कबूला है कि पर्दे के पीछे रहकर एक बड़े राजनेता मदद कर रहे थे। काफी दिनों से दोनों एक-दूसरे के कॉन्टैक्ट में थे। मनीष ने उस राजनेता का नाम भी EOU को बता दिया है।
बिहार सरकार को बदनाम करने की साजिश ?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इनके अलावा कुछ और लोग भी हैं, जो फर्जी वीडियो बनाने और उसे वायरल करने में मनीष की मदद कर रहे थे। अब EOU के सामने यह सवाल खड़ा हो गया है कि मनीष कश्यप की मदद करने वाले राजनेता का मकसद क्या है? वो क्यों फर्जी वीडियो को वायरल करवाने में लगे हुए थे? कहीं बिहार सरकार को बदनाम करने की साजिश तो नहीं चल रही थी? संभावना है कि इन सवालों का जवाब तलाशने के लिए EOU मददगार लोगों से संपर्क कर सकती है। उनके ऊपर भी कानूनी शिकंजा कस सकती है।
तमिलनाडु मामले में मैनें गलत जानकारी दी – मनीष
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मनीष कश्यप ने कबूल किया है कि तमिलनाडु मामले में फर्जी काम किया। फर्जी वीडियो को वायरल किया। आगे से वो ऐसी गलती नहीं करेगा। इस बात की भी उसने अपनी तरफ से कमिटमेंट की है। एक बात और भी सामने आई है कि कई लोग इस यूट्यूबर को आर्थिक तौर पर मदद पहुंचा रहे थे। इनमें कुछ राजनीति से जुड़े लोग भी हैं। अब EOU इन सब की कुंडली खंगालेगी। साथ ही मनीष कश्यप का मददगार बनने के पीछे का मकसद भी तलाशेगी।