उज्जैन। महाकालेश्वर मंदिर में 11वीं शताब्दी के मंदिर और मूर्तियां मिलने के बाद अब खुदाई के दौरान नर कंकाल मिले हैं। सूचना मिलने के बाद मंदिर परिसर में हड़कंप मच गया और मजदूर घबरा गए। हालांकि ये शोध का विषय हैं कि ये किन लोगों के हैं। इनकी जांच करायी जाएगी कि ये कितने पुराने हैं। पुरातत्वविदों का कहना है कहीं ये मुगलों के अत्याचार के प्रमाण तो नहीं या साधु संतों के अवशेष भी हो सकते हैं।
फॉरेंसिक या जियोलॉजी के अधिकारियो से जांच कराई जाए।
बतादें कि महाकाल मंदिर विस्तारीकरण कार्य के दौरान मंदिर मिला था। उसके बाद एक माह से भोपाल पुरातत्व विभाग की देखरेख में खुदाई का काम चल रहा है। खुदाई में पहले कुछ मूर्तियां निकलीं और अब नर कंकाल और हड्डियां मिल रही हैं। अब मंदिर के अग्र भाग में खुदाई के दौरान नर कंकाल मिलने की खबर सामने आने के बाद संभवतः फॉरेंसिक या जियोलॉजी के अधिकारियो से जांच कराई जाए।
1000 वर्ष पुराना मंदिर का ढांचा मिला।
दरअसल स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत महाकाल मंदिर विस्तारीकरण किया जा रहा है। मई माह से हुई खुदाई की शुरुआत में पहले छोटी-छोटी मूर्तियां और कुछ दीवारें मिलीं। पता चला, ये मूर्तियां प्राचीन हैं, तो कलेक्टर ने भोपाल पुरातत्व विभाग की टीम को बुलवाया। उन्हीं की देखरेख में खुदाई करवाई गई। धीरे-धीरे खुदाई में परमार कालीन समय में बनवाई गई अलग-अलग मूर्तियां और करीब 1000 वर्ष पुराना मंदिर का ढांचा मिला। अब जैसे-जैसे खुदाई होती जा रही है, कई चौंकाने वाले रहस्य सामने आ रहे हैं।
नरकंकाल निकलना सामान्य है।
खुदाई कर रहे रिसर्चर डॉक्टर गोविंद सिंह ने कहा कि खुदाई में मानव हड्डी और जानवरों की हड्डी या नरकंकाल निकलना सामान्य है। फिर भी इसका अलग से परीक्षण किया जाना चाहिए। खुदाई में मिले करीब 1000 साल पुराने मंदिर केे ढांचे से मुगल बादशाहों से संबंधित जानकारियां मिलने की संभावना है। इन धरोहरों से मंदिरों पर हमले के दौरान लूटपाट के प्रमाण मिल रहे हैं। उस समय मुगल बादशाहों न नरसंहार भी किए थे। ये नरकंकाल और मानव हड्डियां उन नरसंहारों का प्रमाण हो सकती है