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Makar Sankranti 2021: मकर संक्रांति है सूर्य आराधना का पुण्यदायी पर्व

Makar Sankranti 2021: सनातन संस्कृति को तिथि, त्यौहार, पर्व, और उत्सव की संस्कृति कहा जाता है। बारहों मास भारत में श्रद्धालु किसी न किसी तिथि त्यौहार को मनाते रहते हैं। ऐसा ही एक पुण्यदायी और पापों का क्षमण करने वाल पर्व मकर संक्रांति है। मकर संक्राति सूर्यदेव को समर्पित और भगवान सूर्यनारायण की उपासना का दिन है।

सूर्य का होता है दक्षिण से उत्तर में गमन

मकर संक्रांति का पर्व सूर्य को समर्पित है। इस दिन सूर्य का संक्रमण होता है। इस दिन सूर्यदेव धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करते हैं इसलिए इस दिन मकर संक्राति मनाई जाती है। इस संक्राति का सभी संक्रातियों में सर्वाधिक महत्व है। इस दिन सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायन हो जाता है। सूर्य अंधेरे से उजाले की ओर अग्रसर होते है। उत्तरायन को देवताओं का अयन माना जाता है। इस दिन से सूर्य की तपीश बढ़ने लगती है और मौसम में गर्माहट का दौर धीमे-धीमे शुरू हो जाता है।

उत्तरायण होता है देवताओं का दिन

उत्तरायन देवताओं का अयन होने से इसको पुण्यकारी माना जाता है। इस दिन से शुभ कार्यों का प्रारंभ होता है। मान्यता है कि उत्तरायन में मृत्यु होने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस तरह से सूर्य 6 महीने दक्षिणायन और 6 महीने दक्षिणायन में रहते हैं। उत्तरायन को देवताओं का दिन और दक्षिणायन को देवताओं की रात्रि कहा जाता है। इस दिन दान-पुण्य और सूर्य आराधना का विशेष महत्व माना जाता है।

श्रीकृष्ण ने बताया है उत्तरायण को श्रेष्ठ फलदायी

सूर्य जब पूर्व से दक्षिण की ओर गमन करता है तब तक उसकी किरणों का असर अच्छा नहीं माना गया है। जबकि दक्षिणायन की किरणें सेहत और शांति प्रदान करती है। उत्तरायण का महत्व बताते हुए गीता में श्रीकृष्ण ने कहा है कि उत्तरायण के छह मास में जब सूर्य देव उत्तरायण होते हैं और पृथ्वी प्रकाशमय रहती है तो इस समय शरीर का परित्याग करने से व्यक्ति का पुनर्जन्म नहीं होता, ऐसे लोग ब्रह्म को प्राप्त करते हैं।

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