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Mahashivratri 2021: शिव नगरी काशी में हुआ अदभुत धार्मिक समागम, हजारों महिलाओं ने ऐसे की शिव स्तुति

वाराणसी। शिव नगरी काशी में उस वक्त धर्म और संस्कृति का अदभुत समागम देखने को मिला, जब महादेव का गुणगान करने वाली स्तुति शिव तांडव स्तोत्र का सामूहिक पाठ किया गया। इस स्तुति से शिव का गुणगान करने वाली सभी महिलाएं थी और वे दक्षिण भारत से यहां पर भोलेनाथ का गुणगान करने आई थी।

दक्षिण भारत से काशी आई शिव स्तुति करने

कोरोना महामारी के प्रकोप की वजह से सब कुछ अस्त-व्यस्त होने के बाद ये पहला अवसर था, जब काशी में दक्षिण भारत के तीर्थ यात्रियों के इतने बड़े दल ने इस तरह का विशाल जमावड़ा किया। शिव तांडव स्तोत्र का सामूहिक पाठ करने के लिए ये महिलाएं दक्षिण भारत के केरल और आंध्र प्रदेश से वाराणसी आई थी और सोमवार 8 मार्च को उन्होंने ये आयोजन किया। सभी शिवभक्त महिलाओं की वेषभूषा का संगम भी काफी अद्भुत था।

गंगाघाट पर हुआ आयोजन

गंगा के घाट की पहली से आखिरी सीढ़ी तक कतारबद्ध होकर महिलाएं खड़ी हुई थी। उन्होंने दो रंग की साड़ी पहन रखी थी। आगे की पंक्ति में खड़ी महिलाओं ने हरे किनारे की तो पिछली पंक्तियों में खड़ी महिलाओं ने लाल किनारे वाली साड़ी पहन रखी थी। स्थान की की कमी की वजह से दो गज की दूरी संभव नहीं हो सकीं, लेकिन उसके अलावा कोरोना से बचाव के सारे इंतजाम किए गए थे। मास्क के साथ फेस शील्ड भी लगाया गया था। घाट पर प्रवेश करने से पहले सभी महिलाओं ने सेनेटाइजर से हाथ साफ किए। इस कार्यक्रम का आयोजन फाउंडेशन फॉर हॉलिस्टिक डेवलपमेंट इन एकेडमिक फील्ड की ओर से किया गया था। और शिव तांडव स्तोत्र पाठ का लंबे समय से प्रशिक्षण लिया था।

काशी विश्वनाथ मंदिर में होगा पाठ

सौ से अधिक महिला प्रशिक्षिकाओं ने इन महिलाओं को प्रशिक्षण दिया था। इस अनूठे अभियान की शुरुआत पिछले साल महाशिवरात्रि पर हुई थी। उस दिन से रोजाना एक लाख बीस हजार बार शिवतांडव स्तोत्र का पाठ महिलाओं द्वारा किया जा रहा था। अस्सी घाट पर शिवतांडव स्तोत्र का सामूहिक पाठ करने के बाद महिलाओं का दल नौकायन और गंगा आरती दर्शन के लिए रवाना हो गया। नौ मार्च को महिलाएं काशी विश्वनाथ मंदिर और अन्नपूर्णा मंदिर में भी शिवतांडव स्तोत्र का सामूहिक पाठ करेंगी।

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