Mahant Narendra Giri: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि को प्रयाग स्थित बाघंबरी मठ में सनातन संस्कृति के नियमों के अनुसार शास्त्रोक्त विधान से भू-समाधि दी गई। इस दौरान बड़ी संख्या में अलग-अलग मठों, अखाड़ों के संत यहां मौजूद रहे। समाधिस्थ संत के साथ उनकी प्रिय और आवश्यक वस्तुए रखी गई। उसके बाद उपस्थित संतों ने संत की पार्थिव देह पर मिट्टी, नमक, चीनी, पुष्प आदि समर्पित किए।
संगम में पार्थिव देह को करवाया स्नान
महंत नरेंद्र गिरि को उनकी अंतिम इच्छा के अनुसार उनके गुरु की समाधि के पास समाधि दी गई। इससे पहले उनके शव को फूलों से सजे रथ पर रखकर गंगा-यमुना-सरस्वती के संगम तट पर ले जाया गया। संगम स्नान के बाद महंतजी की पार्थिव देह को संगम तट पर स्थित बड़े हनुमान मंदिर में दर्शन के लिए ले जाया गया। नरेंद्र गिरि महाराज लेटे हनुमान जी मंदिर के भी महंत थे।
बाघंबरी आश्रम में लगाई थी फांसी
महंत नरेंद्र गिरि ने सोमवार 20 सितंबर को अपने बाघंबरी आश्रम स्थित कमरे में फांसी लगीकर खुदकुशी कर ली थी। सुसाइड नोट में उन्होंने इसके लिए अपने शिष्य आनंद गिरी को जिम्मेदार ठहराया था। सूत्रों के मुताबिक उनके मोबाइल फोन में भी एक वीडियो मिलने की चर्चा हो रही है। महंत नरेंद्र गिरि ने अपने सुसाइड नोट में इस बात का उल्लेख किया है। के एक वीडियो को लेकर उनके सम्मान को ठेस पहुंचाने की कोशिश की गई। घटनास्थल पर पहुंची पुलिस ने बाघंबरी मठ के अंदर लगे सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले। साथ ही इस बात की जानकारी भी ली कि मठ में दिनभर में क्या गतिविधियां रहीं और कोई असामाजिक तत्व तो मठ में नहीं आया था। महंत नरेंद्र गिरि ने दो दिन पहले सल्फास और रस्सी भी मंगवा ली थी। इसके अलावा आद्या तिवारी से दो दिन पहले उनकी नोकझोंक भी हुई थी।
सम्मान को ठेस पहुंचने का किया जिक्र
महंत नरेंद्र गिरि ने अपने सुसाइड नोट में लिखा है कि वह सम्मान के साथ जीये। उन्होंने सम्मान के साथ कभी समझौता नहीं किया। मौत के बाद भी उन्हें यही सम्मान मिले। सम्मान के साथ समाधि दी जाए। सुसाइड नोट में उन्होंने मठ के अंदर ही समाधि स्थल बनाए जाने की मंशा जाहिर की है। सुसाइड नोट में आनंदगिरी का नाम आने पर पहले उनको हरिद्वार पुलिस ने श्यामपुर कांगड़ी स्थित उनके आश्रम में नजरबंद कर दिया था, इसके बाद सीओ देवबंद रजनीश उपाध्यय, एसओ गगलहेड़ी सतेंद्र राय के नेतृत्व में सहारनपुर पुलिस हरिद्वार पहुँच गई और आनंद गिरिको हिरासत में ले लिया। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच आनंद गिरिको प्रयागराज लाया गया है।