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महंत नरेंद्र गिरि का था उज्जैन से गहरा नाता, संतों ने दी श्रध्दांजलि

उज्जैन. उज्जैन में साल 2016 का सिंहस्थ करवाने में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि ने काफी काम किया था। सिंहस्थ में प्रदेश सरकार से भी कई मांगे अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि ने मनवाई थी।

उज्जैन के महामंडलेश्वर उनकी मौत की खबर सुनने के बाद शोक में है। सभी संतों ने अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष की मौत के बाद निष्पक्ष जांच की मांग की है। नरेंद्र गिरि महाराज खुद निरंजनी अखाड़े के महंत थे। महामंडलेश्वर शांति स्वरूप आनंद का कहना है कि ऐसी क्या परिस्थिति निर्मित हुई जिसकी वजह से नरेंद्र गिरि महाराज को यह कदम उठाना पड़ा। मामले की निष्पक्ष जांच होना चाहिए। 

महानिर्वाण अखाड़े के महंत विनीत गिरि ने  कहा कि यह साधु समाज के लिए दुखद घटना है। वह हमेशा साधु संतों के लिए तत्परता से लड़ते थे और जब भी उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर दर्शन करने आते थे तो वह आश्रम जरूर आते थे। महानिर्वाणी अखाड़े के संत डॉक्टर अवधेश पुरी महाराज ने कहा कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष नरेन्द्र गिरि जी महाराज की फांसी लगाकर आत्महत्या करने की खबर से अत्यंत आहत हूँ।

आवाहन अखाड़े के महामंडलेश्वर अतुलेश्वर आनंद महाराज ने कहा है बाबा महाकाल से प्रार्थना करते हैं कि उनकी दिवंगत आत्मा को शांति प्राप्त हो। उनके अध्यक्ष रहते ही उज्जैन में साल 2016 का सिंहस्थ महापर्व का आयोजन हुआ था। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी की मौत के बाद हर कोई सीबीआई जांच की मांग कर रहा है।

उज्जैन से मृदुभाषी के लिए अमृत बैंडवाल की रिपोर्ट

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