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Magh Mas: इस मास में शीतल जल से स्नान करने से पापों से मिलती है मुक्ति और मिलती है समृद्धि

माघ मास में गंगा स्नान का विशेष महत्व है।

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Magh Mas: हिंदू पंचांग के अनुसार माघ मास ग्यारहवां महीना है। शास्त्रो में माघ मास को विशेष फलदायी माना गया है। इस महीने किए गए धार्मिक कार्यों से विशेष फल की प्राप्ति होती है। इस साल माघ मास 14 जनवरी से शुरू हो चुका है।

पद्म पुराण में माघ मास में कल्पवास के दौरान स्नान, दान और तप के माहात्म्य के विस्तार से वर्णन किया गया है। इसके साथ माघ में ब्रह्मवैवर्तपुराण की कथा सुनने से भी विशेष फल की प्राप्ति होती है।

माघे निमग्नाः सलिले सुशीते विमुक्तपापास्त्रिदिवं प्रयान्ति।
प्रीतये वासुदेवस्य सर्वपापानुत्तये। माघ स्नानं प्रकुर्वीत स्वर्गलाभाय मानवः॥

स्नान का मिलता है पुण्यदायी फल

पुराणों के अनुसार इस मास में शीतल जल में डुबकी लगाने वाले मनुष्य समस्त पापों से मुक्त होकर स्वर्ग लोक में जाते हैं। पद्मपुराण के अनुसार माघ मास में आराधना करने से भी भगवान विष्णु को उतनी प्रसन्नता नहीं होती, जितनी कि इस महीने में स्नान मात्र से होती है। इसलिए समस्त पापों से मुक्ति और भगवान श्रीहरी की कृपा प्राप्त करने के लिए प्रत्येक मनुष्य को माघ स्नान करना चाहिए।

गीता पाठ से मिलती है श्रीहरी की कृपा

माघ मास में गीता पाठ करने का विशेष प्रावधान बतलाया गया है। मान्यता है कि इस मास में गीता पाठ करने से भगवान लक्ष्मीनारायण की कृपा प्राप्त होती है और नकारात्मकता दूर होकर मन को शांति मिलती है। इस मास में भगवान विष्णु को नियमित रूप से तिल समर्पित करने से समस्त पापों का नाश होता है। तिल के सेवन और तिल मिश्रित जल के स्नान से पुण्य फल की प्राप्ति होती है।

माध मास में करें गर्म कपड़ों का दान

सनातन संस्कृति में वैसे तो दान का विशेष महत्व बतलाया गया है, लेकिन माघ मास में दान करने से मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। माघ मास में शीतऋतु अपने चरम पर रहती है, इसलिए इन दिनों गर्म कपड़ों का दान करने से प्रभु की कृपा मिलती है। माघ मास में नियमित रूप से पूजा-पाठ करने से घर की नकारात्मकता दूर होती है और समृद्धि मिलती है।