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JNU में वामपंथियों ने तोड़ डाली शिवाजी महाराज की तस्वीर

दिल्ली की जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी यानी JNU में एक बार फिर बवाल हो गया. ABVP के सदस्यों ने वामपंथी कार्यकर्ताओं पर जेएनयू में छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती पर उनकी प्रतिमा तोड़ने का आरोप लगाया है. वामपंथी कार्यकर्ताओं पर छत्रपति शिवाजी महाराज का ‘अपमान’ करने का आरोप लगाते हुए एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन भी किया.

इस घटना के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। जेएनयू के सचिव उमेश चंद्र ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती के मौके पर शिवाजी महाराज को श्रद्धांजलि देने के लिए उनकी प्रतिमा लगाई गई थी लेकिन जेएनयू के ‘कम्युनिस्ट’ इसे पचा नहीं पाए. उनका आरोप है कि ‘100 फ्लावर्स ग्रुप’ और एसएफआई के लोग आए और शिवाजी महाराज की तस्वीर तोड़ दी.

उन्होंने आगे आरोप लगाया कि इस घटना में शामिल कर्मचारी यूनिवर्सिटी के नहीं थे और बिना अनुमति के कॉलेज परिसर में एंट्री की थी. जब उन्हें रुकने के लिए कहा गया तो उन्होंने जवाब दिया कि वह इन सब में विश्वास नहीं करते हैं. वह केवल मार्क्सवादी और लेनिनवादी विचारधारा में विश्वास रखते हैं. न ही उन्होंने अपना आईडी कार्ड दिखाया और न ही वह परिसर से बाहर जाने को तैयार थे.

छत्रपति शिवाजी महाराज की तस्वीर तोड़ने की खबर तोड़ने के बाद अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और लेफ्ट विंग यानि वापमंथी कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए. नौबत यहां तक आ गई कि दिल्ली पुलिस को भारी बल के साथ कैंपस में पहुंचना पड़ा. इस भिड़ंत के बाद दोनों तरफ से एक दूसरे पर आरोप लगाए

एबीवीपी सचिव ने जेएनयू प्रशासन से आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और उपद्रवियों को यूनिवर्सिटी का माहौल खराब करने से रोकने की अपील की है. साथ ही अवैध छात्रों को परिसर में एंट्री करने और उपद्रव करने से रोकने का आग्रह करते किया. उनका कहना है कि इन लोगों को जेएनयू का नाम खराब करने से रोका जाना चाहिए.

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