Mradhubhashi
Search
Close this search box.

लालू यादव को मिली 5 साल कैद की सजा और लगा लाखों का जुर्माना

झारखंड, भारत। देश में कई बार घोटालेबाजी के मामले सामने आते है, इसी तरह पिछले साल चारा घोटाले भी सामने आया था, जिसमें बिहार के पूर्व सीएम व राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ रुपये की अवैध निकासी से जुड़े चारा घोटाले में दोषी करार दिए जा चुके थे। चारा घोटाले के चार केस के बाद अब पांचवे केस में उन्‍हें क्‍या सजा दी जानी है, इसका फैसला भी आज सोमवार को रांची की CBI कोर्ट ने सुना दिया है।

लालू प्रसाद को 60 लाख का जुर्माना भी भरना होगा। रांची में CBI के विशेष जज एसके शशि ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सजा का ऐलान किया। फिलहाल लालू रिम्स के पेइंग वार्ड में भर्ती हैं। लालू समेत 38 दोषियों को इस केस में कोर्ट ने 15 फरवरी को दोषी करार दिया था। लालू यादव को हाईकोर्ट से जमानत मिल जाएगी। इस प्रक्रिया के पूरा होने तक उन्हें 2-3 सप्ताह तक जेल में रहना होगा।

इधर, सजा के ऐलान के पहले लालू की तबीयत और बिगड़ गई। उनका ब्लड प्रेशर और शुगर लेवल बढ़ गया। सुबह लालू यादव का ब्लड शुगर 160 पहुंच गया जो सामान्य स्थिति में खाली पेट में 110 होना चाहिए। दूसरी ओर उनका ब्लड प्रेशर 150/ 70 पहुंच गया है। डॉक्टर ने बताया की सजा की सुनवाई होने से पहले लालू यादव रात से ही काफी तनाव में थे। इस कारण उनका बीपी और ब्लड शुगर अनियंत्रित हुआ। इलाज कर रहे डॉक्टर विद्यापति ने बताया कि सुबह लालू से जब मुलाकात हुई तो वह काफी तनाव में दिखे और तबीयत के बारे में पूछा गया तो काफी मायूस होकर उन्होंने जवाब दिया।

लालू आज सुबह टहलने के लिए अपने रूम से बाहर भी नहीं निकले। एक दिन पहले लालू यादव के ब्लड शुगर का लेवल सुबह खाली पेट में 140/80 के आस पास था। जबकि इंसुलिन की डोज बढ़ाए जाने के बाद भी सोमवार को उनका ब्लड शुगर बढ़ गया। डॉक्टर ने बताया कि पहले से ही वह किडनी के क्रॉनिकल डिजीज से ग्रसित है और ब्लड शुगर और बीपी की समस्या पहले से उन्हें हैं और इस तनाव के बाद सभी चीजें अनियंत्रित हो गई है, हालांकि डॉक्टर ने दवा दी है।

डोरंडा ट्रेजरी घोटाला

डोरंडा ट्रेजरी से 139.35 करोड़ रुपए की अवैध निकासी के इस मामले में पशुओं को फर्जी रूप से स्कूटर पर ढोने की कहानी है। यह उस वक्त का देश का पहला मामला माना गया जब बाइक और स्कूटर पर पशुओं को ढोया गया हो। यह पूरा मामला 1990-92 के बीच का है। CBI ने जांच में पाया कि अफसरों और नेताओं ने मिलकर फर्जीवाड़े का अनोखा फॉमूर्ला तैयार किया। 400 सांड़ को हरियाणा और दिल्ली से कथित तौर पर स्कूटर और मोटरसाइकिल पर रांची तक ढोया गया, ताकि बिहार में अच्छी नस्ल की गाय और भैंसें पैदा की जा सकें। पशुपालन विभाग ने 1990-92 के दौरान 2,35, 250 रुपए में 50 सांड़, 14, 04,825 रुपए में 163 सांड़ और 65 बछिया खरीदीं।

ये भी पढ़ें...
क्रिकेट लाइव स्कोर
स्टॉक मार्केट