मंदसौर। जिले में पांच लाख से अधिक वाहन हैं, लेकिन पार्किंग स्थल एक भी नहीं। जिला मुख्यालय पर ही पार्किंग नहीं होने से अत्यधिक यातायात बाधित हो रहा है। जिम्मेदारों ने पार्किंग स्थल विकसित करने के लिए स्थल भी चिन्हित किए लेकिन दिन महीने और महीने साल बीत गए पर हुआ कुछ नहीं। नगर पालिका चुनाव में भी यातायात व पार्किंग व्यवस्था को बेहतर करने के वादे जरूर किए जाते हैं। घोषणा पत्रों में भी इस समस्या को हल करने का वचन और संकल्प लिखा जाता है, लेकिन बाद में इस चुनावी वादे को पूरा करने में जिम्मेदार जनप्रतिनिधि और अफसर रुचि नहीं लेते। जिला मुख्यालय से लेकर कई नगरीय क्षेत्रों में यातायात और पार्किंग व्यवस्था के एक जैसे हालात हैं। कहीं पर भी घोषित पार्किंग स्थल नहीं है।
पार्किंग स्थल नहीं होने से मजबूरन सड़क पर खड़ा करना पड़ता है वाहन
पार्किंग स्थल नहीं होने से लोगों को भी मजबूरन वाहनों को सडक़ों पर ही खड़ा करना पड़ता है। इसके कारण यातायात बाधित होने के साथ ही व्यापार भी प्रभावित होता है। शहर के प्रमुख मार्गों पर दिनभर में कई बार जाम लगता है। त्योहारों के समय तो स्थिति और बुरी हो जाती है। यातायात व्यवस्था और वाहनों की पार्किंग को लेकर नगर पालिका और यातायात पुलिस को सडक़ सुरक्षा सप्ताह या त्योहारों, चल समारोहों के समय ही याद आती है। मुख्य मार्गों पर वाहनों को सीमा में रखने के लिए हिदायत देने के अलावा कुछ नहीं किया जाता।