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पटेल कॉलेज के “उमंग” का धमाकेदार आगाज

इंदौर। बुधवार को पटेल ग्रूप ऑफ इन्स्टीट्यूशन्स में वार्षिक उत्सव “उमंग 2022” का आगाज धमाकेदार कवि सम्मेलन से हुआ जिसमें प्रदेश के युवा कवियों ने अपनी कविताओं से समा बांध दिया । कार्यक्रम जब दोपहर को शुरु हुआ तो लगा मानो काव्य संध्या की रंगीन शाम में दर्शक सराबोर हैं । ऐसा प्रयोग साहित्य में बहुत कम होता है जब कवि सम्मेलन चिल-चिलाती धूप में किसी सभागृह में हो और श्रोताओं की भीड़ उमड़ पड़ी हो ।

कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती वंदना से किया गया जिसमें कवयित्री शिवानी उदैनिया ने सरस्वती वंदना से सबको मंत्रमुग्ध कर दिया । अपनी ओज की कविताओं से उन्होने समा बांध दिया । वहीं पुरुषोतम कुलकर्णी ने अपनी शायरी से लोगों की तालियाँ लूट ली । बात जब पैरोडी की हो तो जीत शिवहरे ने अपनी खूबसूरत पैरोडी से सबको मदहोश कर दिया । सभागृह तालियों से गूंज उठा ।

कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि के रूप में डॉक्टर राजीव दीक्षित जी ने किया। पटेल ग्रूप ऑफ इन्स्टीट्यूशन्स की ओर से एकेडमिक हेड हरीश शर्मा जी ने सभी कवियों का सम्मान किया। इस मौके पर ग्रुप की चेयरमैन श्रीमती प्रीति पटेल, वाइस चेयरमैन डॉक्टर अजित सिंह पटेल, एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर ईशा पटेल ने अपनी उपस्थिति से कार्यक्रम की गरिमा बढ़ाई। कार्यक्रम को सफल बनाने में प्रोफ़ेसर सुधीर चौरे, प्राचार्य डॉक्टर नीना सोहनी, एकेडमिक हेड हरीश शर्मा, हेड एडमिनिस्ट्रेशन मनीष यादव, परीक्षा नियंत्रक डॉक्टर जय तिवारी, डिप्टी रजिस्टार लोकेन्द्र जाट, राजेंद्र करे समेत समस्त टीचिंग व् नॉन टीचिंग स्टाफ ने सराहनीय योगदान दिया।

“चाँद पागल हो गया” पर झूम गए लोग –

इंदौर में जब भी कोई कवि सम्मेलन हो तो कुमार विश्वास की याद श्रोताओं को आ जाना स्वाभाविक है । माँ हिन्द के सबसे लाडले पुत्र कुमार विश्वास से इंदौर अछूता नहीं रहा । इंदौर के हर सभागृह में उनकी यादगार शामें सजी हुई हैं । इस कवि सम्मेलन में जब इंदौर के कवि कुमार अशोक प्रस्तुत हुये तो दर्शकों ने उनमें जूनियर विश्वास की झलक देखि और जोरदार तालियों से स्वागत किया । मंच पर कुमार अशोक ने हिन्दी साहित्य की परम्पराओं का पालन करते हुये बड़े आकर्षक ढंग से अपनी कविताओं को प्रस्तुत किया ।

“किताबों में अक्सर तुम मिलती हो मुझसे” इस कविता को लोगों ने खूब पसंद किया । वहीं “ रात काली है मगर “ इस निशा गीत ने खूब तालियाँ बटोरी । लेकिन महफिल में रंग तब जमा जब “चाँद पागल है” की पंक्तियाँ सभागृह में गूँज उठी । इस कविता की पंक्तियों पर श्रोता झूम उठे । इस गीत की सादगी और उसके शब्दों ने सभी का दिल जीत लिया । कवि कुमार अशोक ने कहा कि आज का युवा साहित्य प्रेमी है वह अपने साहित्य को अपने अतीत को पढ़ना चाहता है । और युवाओं के सर्वांगीण विकास के लिए यह जरूरी है वे साहित्य से जुड़ें । कुमार विश्वास के बारे में कहा कि हिन्दी साहित्य को एक नयी पहचान दिलाने और कवियों को मुख्य धारा से जोड़ने का एक अद्भुत कार्य विश्वास जी ने किया है । वे हिन्दी साहित्य के सूर्य है जिनकी किरणों से लाखों युवा साहित्यकार प्रकाशित हो रहे हैं ।

युवा संचालक बृजेश मस्ताना ने लूट ली महफ़िल –

ऐसा बहुत कम ही होता है जब कम उम्र का कोई कवि मंच की बागडोर संभाले । लेकिन इस कवि सम्मेलन में यह धारणा भी टूट गयी । युवा कवि बृजेश मस्ताना ने इस कवि सम्मेलन का संचालन किया और अपनी शायरी, अपने चुटीले अंदाज से सबको चकित कर दिया । खास कर युवाओं ने उनकी शायरी को खूब पसंद किया ।

शोर-शराबे और सीटियों-तालियों से सभागृह भर गया । जब कार्यक्रम समाप्त हुआ तो युवाओं के चेहरे पर गज़ब का उत्साह देखा गया ।

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