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कथक सम्राट बिरजू महाराज का निधन, 83 साल की उम्र में ली अंतिम सांस

Birju Maharaj। मशहूर कथक सम्राट बिरजू महाराज का निधन हो गया है। उन्होंने रविवार और सोमवार के बीच रात को अंतिम सांस ली। अपने बेमिसाल नृत्य से देश–दुनिया में अपनी पहचान बनाने वाले बिरजू महाराज दशकों तक नृत्य की कथक विधा को समर्पित रहे।

फिल्मफेयर से भी हो चुके थे सम्मानित

पंडित बिरजू महाराज के निधन की जानकारी उनके पोते स्वारांश मिश्रा ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए दी। उनके निधन पर कलाप्रेमी और प्रशंसकों ने उनको भावभिनी श्रद्धांजलि दी है। गायक अदनान सामी ने उन्हें ट्वीटर के जरिए श्रद्धांजलि अर्पित की और उनको सदी का महान नर्तक बतलाया। पंडित बिरजू महाराज अनेकों सम्मानों से सम्मानित हुए थे, जिसमें पद्म विभूषण भी शामिल है। साल 1983 में उनको पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। बिरजू महाराज को संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार और कालिदास सम्मान भी मिला था। बिरजू महाराज को काशी हिन्दू विश्वविद्यालय और खैरागढ़ यूनिवर्सिटी से डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्रदान की थी। साल 2012 में उनको फिल्म विश्वरूपम में कोरियोग्रोफी के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। साल 2016 में बाजी राव मस्तानी के गाने मोहे रंग दे लाल की कोरियोग्राफी के लिए उनको फिल्मफेयर पुरस्कार मिला था। बिरजू महाराज ने माधुरी दीक्षित, दीपिका पादूकोण जैसे कई फिल्मी नामचीन हस्तियों को नृत्य की विधा सिखाई थी।

विरासत में मिला था हुनर

पद्म विभूषण पंडित बिरजू महाराज का जन्म 4 फरवरी 1938 को अविभाजित भारत में उत्तर प्रदेश के लखनऊ शहर में हुआ था। लखनऊ घराने से ताल्लुक रखने वाले बिरजू महाराज का असली नाम पंडित बृजमोहन मिश्रा था। शास्त्रीय गायन औऱ नृत्य उनकी रग-रग में समाया हुआ था। वह कथक नृत्य करने के साथ शास्त्रीय गायन भी करते थे। गीत-संगीत का ज्ञान उनको विरासत में मिला था। बिरजू महाराज के पिता अच्छन महाराज, चाचा शंभु महाराज और लच्छू महाराज भी कथक के प्रसिद्ध नर्तक थे। पिता अच्छन महाराज बिरजू महाराज के गुरू थे।

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