भोपाल। राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना, करणी सेना परिवार एवं सर्वसमाज ने 21 सूत्रीय मांगों को लेकर रविवार को सुबह से भोपाल के जंबूरी मैदान में जनआंदोलन शुरू कर दिया। इसमें तीन लाख से अधिक लोग जुटे। करणी सेना प्रमुख जीवन सिंह शेरपुर ने चेतावनी दी कि सरकार जातिगत आरक्षण समाप्त करे वर्ना हम चुनावी राजनीति में उतरेंगे। हम व्यवस्था सुधार के लिए आंदोलन कर रहे हैं। सवर्ण और पिछड़ा वर्ग हमारे साथ हैं। हम मिलकर तख्ता पलट देंगे। अपनी मांगों के साथ जीवन सिंह शेरपुर सहित करणी सेना के पांच पदाधिकारी अनशन पर बैठ गए हैं, आंदोलन स्थल पर हनुमान चलीसा का पाठ किया जा रहा है। इसके पूर्व करणी सेना ने शाम चार बजे तक मांगें नहीं माने जाने पर विधानसभा घेराव की चेतावनी दी थी, जिसे दोपहर 3.30 बजे प्रशासन से चर्चा के बाद स्थगित कर दिया। करणी सेना और सर्वसमाज संगठन आर्थिक आधार पर आरक्षण, जातिगत आरक्षण की पुन: समीक्षा और ऐट्रोसिटी एक्ट के दुरुपयोग के विरोध सहित अन्य मांगों को लेकर यह जनआंदोलन कर रहे हैं।
करणी सेना परिवार और अन्य संगठनों ने अपने आंदोलन के दौरान आर्थिक आधार पर आरक्षण की मांग करते हुए कहा समाज के हर वर्ग के गरीबों को आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए. एससी-एसटी एक्ट में बिना जांच के गिरफ्तारी पर रोक लगे. इसके साथ ही सामान्य-पिछड़ा एक्ट भी बने जो सामान्य पिछड़ा वर्ग के हितों की रक्षा कर सके. ईडब्ल्यूएस आरक्षण में भूमि और मकान की बाध्यता समाप्त कर 8 लाख की वार्षिक आय को ही आधार मानकर आरक्षण दिया जाए. आंदोलनकारियों ने बेरोजगारों को रोजगार दिलाने के लिए भर्ती कानून बनाने की मांग भी की.
करणी सेना परिवार और अन्य समाजों के संयुक्त आंदोलन को लेकर प्रदेश में सियासी पारा भी परवान चढ़ता नजर आया. कांग्रेस ने कहा यह राज्य की जिम्मेदारी है कि सभी समाजों और वर्गों में समन्वय बनाकर उन्हें संतुष्ट किया जाए, लेकिन सरकार विभाजन करती दिखाई दे रही है. सरकार को आंदोलनकारियों की मांग पर विचार करना चाहिए. चुनाव होने से कुछ समय पहले ही हुआ ये आंदोलन सरकार पर या आगामी चुनाव पर क्या असर डालता है ये देखने वाली बात होगी.